विनेश फोगाट (सौजन्य-एक्स)
नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट को फाइनल मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराए गया था। जिसके बाद उन्होंने इसके खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में सिल्वर मेडल देने की अपील की थी, जिसे तदर्थ प्रभाग ने खारिज कर दिया है। जिसके बाद विनेश के साथ पेरिस गए वकील विदुष्पत सिंघानिया ने बताया है कि अब भी मेडल मिलने की उम्मीद है या नहीं।
दरअसल, विनेश फोगाट के वकील विदुष्पत सिंघानिया ने एएनआई से बात करते हुए बताया है कि इस केस को खारिज किए जाने की अभी तक कोई पूरी जानकारी नहीं आई है। फिलहाल CAS की तरफ से केवल एक लाइन का ही स्टेटमेंट सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि विनेश को मेडल नहीं मिलेगा।
#WATCH | Delhi: On wrestler Vinesh Phogat’s appeal dismissed by the Court of Arbitration for Sport (CAS), Indian Olympic Association’s (IOA) advocate Vidushpat Singhania says, “No detailed order has come yet. Only a single-line order has come so far that her appeal has been… pic.twitter.com/FgwkKAlxjS
— ANI (@ANI) August 15, 2024
वकील विदुष्पत आगे कहते हैं कि विनेश की इस अपील पर फैसला लेने में इतनी देरी क्यों हुई और इसे खारिज क्यों कर दिया गया है। फिलहाल इसकी पूरी जानकारी सामने नहीं आई है। ऐसे में अभी उन्हें भी इसकी पूरी जानकारी आने का इंतजार है। तब जाकर पूरा मामला साफ हो पाएगा।
वकील विदुष्पत ने आगे कहा, “16 अगस्त को फैसला आने की बात थी, तो यह केवल एक तारीख बताई गई थी, जिसके पहले भी फैसला आ सकता है। 16 अगस्त केवल एक लिमिट थी। हालांकि हमें इस फैसले पर हैरानी और निराशा भी हुई है।”
ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले 10-15 दिनों में विनेश को मेडल ना दिए जाने वाले फैसले की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी। जिसमें यह भी लिखा होगा कि जज ने यह फैसला किस आधार पर सुनाया है। विनेश के वकील ने बताया कि पूरी डिटेल आ जाने के बाद 30 दिन बाद तक इस पर दोबारा अपील की जा सकती है।
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कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट से विनेश को न्याय नहीं मिल पाया है, ऐसे में वह अब स्विट्जरलैंड में स्थित ‘स्विस फेडरल ट्राइब्यूनल’ कोर्ट में CAS के फैसले को चुनौती दे सकती हैं। इस पर उनके वकील विदुष्पत सिंघानिया ने बताया कि उनके साथ सीनियर वकील के रूप में हरीश साल्वे हैं और वह इस फैसले को चुनौती देने की अपील पर काम कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में भले ही विनेश के पक्ष में सहानुभूति रही हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के प्रमुख थॉमस बाक और यूडब्ल्यूडब्ल्यू के प्रमुख नेनाद लालोविच ने कहा था कि नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसी छूट देने के व्यापक परिणाम होंगे।