पेरिस: पेरिस ओलंपिक में सेमीफाइनल में आने के बाद हार का सामना करने से भारतीय हॉकी टीम अपने खेल निराश तो है ही लेकिन अब टीम ब्रॉन्ज मेडल के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगी। मैच के बाद टीम के गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने टीम द्वारा प्रदर्शित मैच की सराहना की और आगे होनेवाले मुकाबले की बात की।
भारत के अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा कि जर्मनी के खिलाफ मंगलवार को खेले गए ओलंपिक सेमीफाइनल में उनकी टीम को मौके नहीं भुना पाने का खामियाजा भुगतना पड़ा लेकिन उन्होंने इस कड़े मुकाबले में आखिर तक हार नहीं मानने के लिए अपने साथी खिलाड़ियों की सराहना की।
श्रीजेश ने कहा कि जर्मन टीम ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को रोकने के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान पर उतरी थी और भारतीय कप्तान के खिलाफ उनके होमवर्क का अंतिम परिणाम पर असर पड़ा। भारत सेमीफाइनल में 2-3 से हार गया और अब उसे कांस्य पदक के लिए खेलना होगा।
भारत को इस मैच में कुल 11 पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह केवल दो को ही गोल में बदल पाया। श्रीजेश ने भारत की करीबी हार के बाद कहा,‘‘यह बेहद कड़ा मैच था। हमें अच्छे मौके मिले लेकिन हम उन्हें नहीं भुना पाए। बस इतनी सी बात है। आप इसे स्कोरलाइन में देख सकते हैं। यह होमवर्क से जुड़ा मामला है।”
"They did good homework on how to block Harman's penalty corners" – PR Sreejesh!
Heads up champions! Bronze medal is ours! #Paris2024 pic.twitter.com/kOjkIRva2N
— Rohan Chowdhury (@RohanDC98) August 6, 2024
उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि उन्होंने हरमन के खिलाफ बहुत अच्छा खेल दिखाया क्योंकि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में से एक है। निश्चित तौर पर उन्होंने हमारे खिलाफ अच्छा खेल दिखाया। किसी दिन ऐसा होता है।”
श्रीजेश ने कहा कि टीम को इस हार को भूलकर स्पेन के खिलाफ गुरुवार को होने वाले कांस्य पदक के मैच के लिए जल्द से जल्द एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा,‘‘इस मैच में पदक दांव पर लगा होगा और यह मुझसे नहीं देश से जुड़ा है। यह यहां खेल रहे 19 खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ से जुड़ा है। हमारे पास अब भी पदक जीतने का मौका है और मेरा मानना है कि आज जो कुछ हुआ हमें उसके बारे में सोचने के बजाय अपने देश के लिए पदक जीतने पर ध्यान देना चाहिए।”
यह भी पढ़ें- एक ही इवेंट में 5 स्वर्ण पदक जीतकर रचा इतिहास, ये कारनामा कर दिखाने वाले बने पहले एथलीट
श्रीजेश ने कहा,‘‘इन सभी 19 खिलाड़ियों को ऐसा खेलना चाहिए जैसे कि यह एक खिलाड़ी के रूप में देश के लिए पदक जीतने का उनके पास आखिरी मौका है।”
श्रीजेश ने इस बात को नकार दिया कि जर्मनी के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी नर्वस थे और उन्होंने रक्षात्मक रवैया अपनाया। उन्होंने कहा,‘‘अगर वे नर्वस होते तो मौके नहीं बना पाते। उन्होंने चैंपियन की तरह आखिर तक हार नहीं मानी। भाग्य भी जर्मन टीम के साथ था लेकिन मुझे लगता है कि हमारे खिलाड़ियों ने अच्छा खेल दिखाया। दुर्भाग्य से हम वैसा परिणाम हासिल नहीं कर पाए जैसा चाहते थे लेकिन यह आसान नहीं था।”
श्रीजेश ने कहा कि वे इस हार को भूलना चाहेंगे लेकिन स्पेन के खिलाफ मैच के लिए रणनीति बनाते समय इस पर जरूर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘हमें इस मैच पर इसलिए गौर करने की जरूरत है क्योंकि इससे पता चलेगा कि हमने क्या गलत किया और हम क्या बेहतर कर सकते हैं। स्पेन की टीम से मुकाबला करना आसान नहीं है। वह वास्तविक फाइटर है तथा क्वार्टर फाइनल में उसने जिस तरह का खेल दिखाया उसे देखते हुए हम इस मैच को सहजता से नहीं ले सकते हैं।”
यह भी पढ़ें- मुश्किलों से लड़कर सपना पूरा कर रही विनेश, आलोचना से लेकर सर्जरी तक क्या कुछ नहीं देखा
श्रीजेश गुरुवार को देश की तरफ से अपना अंतिम मैच खेलेंगे। वह पहले ही ओलंपिक के बाद संन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने इतने लंबे समय तक टीम में बने रहने के लिए साथी खिलाड़ियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा,‘‘आज मैं जो कुछ हूं उसमें उन्होंने मेरी मदद की, कल मेरा अंतिम मैच होगा इसलिए उम्मीद है कि वे मेरे लिए अच्छा करेंगे।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)