पेरिस पैरालिंपिक 2024 के लिए भारतीय एथलीट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पेरिस: पेरिस पैरालंपिक 2024 का आगाज 28 अगस्त से होने वाला है। जहां 84 भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेने वाले हैं। देश को अपने सभी खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें हैं। इस बार भारत के एथलीट्स रिकॉर्ड पदक जीत सकते हैं। भारत ने 2021 में टोक्यो पैरालंपिक में पांच स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 19 पदक जीते थे।
भारत ने यह लक्ष्य इसलिए तय किया है क्योंकि इस बार उसका सबसे बड़ा दल इन खेलों में भाग लेगा। इसके अलावा भारतीय खिलाड़ियों ने हाल में अच्छा प्रदर्शन करके उम्मीद बढ़ा दी है। भारत ने पिछले साल हांगझोउ एशियाई पैरा खेलों में 29 स्वर्ण सहित रिकॉर्ड 111 पदक जीते थे। इसके बाद मई में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत ने आधा दर्जन स्वर्ण सहित 17 पदक जीते।
एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले कई खिलाड़ी पैरालंपिक टीम में शामिल हैं। इनमें विश्व रिकॉर्डधारी भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल (एफ64) और राइफल निशानेबाज अवनि लेखरा (10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1) जैसे शीर्ष सितारे शामिल हैं। ये दोनों तोक्यो में जीते गए अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने के लिए उतरेंगे।
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भारत के लिए पैरा-एथलेटिक्स टीम ने अतीत में अच्छा प्रदर्शन किया है और इस बार भी एथलेटिक्स में भाग ले रहे 38 खिलाड़ियों से देश को काफी उम्मीद है। पदक के अन्य प्रमुख दावेदारों में पैरा तीरंदाज शीतल देवी शामिल हैं, जो अपने पैरों से निशाना लगाती है। उनके अलावा होकाटो सेमा (शॉट पुट) और नारायण कोंगनापल्ले (रोवर) और कई अन्य खिलाड़ी पदक के दावेदार हैं।
भारत इस बार 12 खेलों में भाग ले रहा है, जबकि तोक्यो में 54 सदस्यीय टीम ने नौ खेलों में भाग लिया था। निशानेबाज मनीष नरवाल और बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जो पिछले पैरालंपिक में जीते गए अपने स्वर्ण पदक का बचाव करने के लिए उतरेंगे।
सत्रह साल की उम्र में एक दुर्घटना में अपना बायां पांव गंवाने वाले सुमित ने मई में पैरा विश्व चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था और वह पेरिस में उसी स्थान पर 75 मीटर का आंकड़ा पार करने की उम्मीद कर रहे हैं जहां नीरज चोपड़ा ने इस महीने के शुरू में ओलंपिक रजत पदक जीता था।
लेखरा ने एक स्वर्ण और एक कांस्य के साथ तोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और दो पदक जीते थे। उनके अलावा सिंहराज अधाना (रजत और कांस्य) ने भी दो पदक हासिल किए थे लेकिन वह मौजूदा टीम में जगह नहीं बना सके। लेखरा पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं। वह अब पैरालंपिक में तीन पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल होना चाहेगी।
भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया दो स्वर्ण (2004 एथेंस और 2016 रियो) और एक रजत (2021 तोक्यो) के साथ पैरालंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। जोगिंदर सिंह बेदी ने 1984 पैरालिंपिक में तीन पदक (गोला फेंक में रजत, भाला और डिस्कस थ्रो में एक-एक कांस्य) जीते थे।
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दीप्ति जीवनजी (महिलाओं की 400 मीटर टी20), रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु (पुरुषों की ऊंची कूद – टी63) और योगेश कथुनिया (पुरुष डिस्कस थ्रो – एफ56) पदक जीतने के दावेदारों में शामिल हैं। टोक्यो खेलों के स्वर्ण पदक विजेता प्रमोद भगत डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के कारण इस बार पैरालंपिक में भाग नहीं ले पाएंगे।
टोक्यो में रजत पदक जीतने वाले सुहास यतिराज (पुरुष एकल और मिश्रित युगल) फिर से पदक के दावेदार होंगे। पैरा तीरंदाजी में शीतल और हरविंदर सिंह पदक के दावेदारों में से होंगे। हरविंदर ने तोक्यो में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में कांस्य पदक जीता था। टोक्यो में टेबल टेनिस में रजत पदक जीतने वाली भाविनाबेन पटेल का लक्ष्य स्वर्ण पदक जीतना होगा।
व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली यह खिलाड़ी महिला एकल एस4 और महिला युगल डी10 स्पर्धाओं में भाग लेगी। एशियाई पैरा खेलों में एफ34 स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाले सुमित अंतिल और शॉट पुटर भाग्यश्री जाधव पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार किसी स्टेडियम के बाहर आयोजित होने वाले उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)