लक्ष्य सेन (सौजन्य-एक्स)
पेरिस: भारत के बैडमिंटन के स्टार खिलाड़ी लक्ष्य सेन ब्रॉन्ज मेडल जीतने से चूक गए हैं। उन्होंने मलेशिया के खिलाड़ी ली जी जिया के खिलाफ हार का सामना किया है। पहला गेम शानदार जीत दर्ज करने के बाद दूसरे और तीसरे सेट में उन्हें हार झेलनी पड़ी। इसी के साथ भारत भी एक और पदक जीतने से चूक गया।
सेमीफाइनल की तरह कांस्य पदक के प्ले ऑफ में भी दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य ने बढ़त गंवाई और उन्हें 71 मिनट चले मुकाबले में दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी ली के खिलाफ 21-13, 16-21, 11-21 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ लक्ष्य साइना नेहवाल (लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य) और पीवी सिंधू (रियो ओलंपिक 2016 में रजत और तोक्यो ओलंपिक 2020 में कांस्य) के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाला तीसरा भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनने से भी चूक गए।
Just feel for Lakshya, He gave it all
First Indian Men’s Badminton Player to reach Semifinals of Olympics at 22 , He definitely has a bright future and is a player to watch out for us in LA2028
WELL PLAYED LAKSHYA SEN 🇮🇳♥️ pic.twitter.com/xCuCZ0WlLl
— The Khel India (@TheKhelIndia) August 5, 2024
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता लक्ष्य की ली के खिलाफ छह मैचों में यह दूसरी हार है। ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य को रविवार को अंतिम चार के मुकाबले में रियो ओलंपिक के कांस्य और तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता एक्सेलसन के खिलाफ 20-22, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा था।
बता दें कि ओलंपिक सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य को रियो ओलंपिक के कांस्य और तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता एक्सेलसन के खिलाफ 54 मिनट में 20-22, 14-21 से हार का सामना करना पड़ा। दो बार के पूर्व विश्व चैंपियन और दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी एक्सेलसन के खिलाफ लक्ष्य की नौ मैचों में यह आठवीं हार है।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत के खाते में पेरिस ओलंपिक में अब तक तीन मेडल आ चुके हैं। तीनों मेडल ब्रॉन्ज के ही भारत को हासिल हुए हैं। यह तीनों पदक भारत को निशानेबाजी से आए हैं। जहां एकल में एक पदक मनु भाकर ने जीते हैं। मिश्रीत में मनु और सरबजोत सिंह ने जीता और तीसरे स्वप्निल कुशाले ने जीता था। जिसके बाद से ही भारत को चौथे पदक का इंतजार है।