इयान बॉथम (फोटो-सोशल मीडिया)
Ian Botham Birthday: इंग्लैंड के महान ऑलराउंडर इयान बॉथम आज 24 नवंबर 2025 को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। 80 के दशक में इयान बॉथम के नाम की तूती बोलती थी। उन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलते हुए कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। वहीं कई ऐसे रिकॉर्ड भी बनाए, जो आज तक नहीं टूट सका है।
24 नवंबर 1955 को जन्में बॉथम उन चार महान ऑलराउंडर्स में से एक हैं, जिन्होंने 80 के दशक को क्रिकेट इतिहास का सुनहरा काल बनाया। भारत के कपिल देव, पाकिस्तान के इमरान खान, न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली और इंग्लैंड के इयान बॉथम। बॉथम दाएं हाथ के दमदार बल्लेबाज, तेज गेंदबाज और शानदार स्लिप फील्डर थे।
उनका आगमन ऐसे समय में हुआ, जब क्रिकेट कहीं ज्यादा कठिन था। न तो पिचें मददगार थीं, न बल्लेबाजों के सिर पर हेलमेट दिखाई देते थे, और तेज गेंदबाजों की रफ्तार बल्लेबाजों की असली परीक्षा लेती थी। ऐसे दौर में बॉथम की प्राकृतिक प्रतिभा, आक्रामकता और जज़्बे ने इंग्लिश क्रिकेट को एक नई पहचान दी।
वे दुनिया के सबसे तेजी से 100 विकेट और 1000 रन पूरे करने वाले खिलाड़ी बने। उनके 383 टेस्ट विकेटों का रिकॉर्ड लंबे समय तक कायम रहा। बल्लेबाजी में भी उन्होंने 102 टेस्ट मैचों में 5200 रन बनाए और करीब 61 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए उस समय की पारंपरिक टेस्ट बल्लेबाजी को एक नई दिशा दी।
वहीं उन्होंने 116 मैचों में 2113 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 143 विकेट भी चटकाए। हालांकि, बॉथम वनडे क्रिकेट में शतक नहीं लगा सके थे। फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करें, तो उन्होंने 402 मुकाबले में 19399 रन बनाए है। वहीं उन्होंने 1172 विकेट अपने नाम किया है।
उनकी सबसे बड़ी छाप 1981 की एशेज में दिखाई दी, जिसे आज भी ‘बॉथम्स एशेज’ कहा जाता है। क्रिकेट इतिहास में शायद ही कोई सीरीज किसी एक खिलाड़ी के नाम से जानी जाती हो। इस सीरीज में बॉथम ने 93 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए, 34 विकेट लिए और इंग्लैंड को 3–1 की यादगार जीत दिलाई। रन उनसे ज्यादा भले ही एलन बॉर्डर ने बनाए हों, लेकिन बॉथम का प्रभाव, उनका स्ट्राइक रेट और मैच बदलने की क्षमता उन्हें उस सीरीज का सबसे बड़ा नायक बनाती है।
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इंग्लैंड के महान ऑलराउंडर्स एंड्रयू फ्लिंटॉफ और बेन स्टोक्स की तुलना भी हमेशा बॉथम से ही होती रही है। इन तीनों की छवि ‘लार्जर दैन लाइफ’ रही है। तीनों ही खेल के हर पहलू में प्रभाव छोड़ते रहे और दिल खोलकर क्रिकेट खेलते रहे। यहां तक कि इन तीनों के करियर का अंतिम हिस्सा चोटों से प्रभावित रहने की समानता भी दिलचस्प है।
बॉथम ने डेनिस लिली का रिकॉर्ड तोड़ते हुए अपना करियर समाप्ति की ओर बढ़ाया, जब वे खुद फिटनेस चुनौतियों से लड़ रहे थे। वे सिर्फ महान ऑलराउंडर ही नहीं, बल्कि एक संपूर्ण एथलीट थे। फुटबॉल में भी उनकी दिलचस्पी और प्रतिभा कम नहीं थी। मैदान के बाहर भी वे उतने ही प्रभावशाली रहे। उनके चैरिटी वॉक इंग्लैंड में एक मिसाल बन चुके हैं। 2007 में उन्हें नाइटहुड मिला और वे सर इयान बॉथम बन गए। क्रिकेट में बेजोड़ प्रदर्शन के बाद उन्होंने कमेंटेटर के रूप में भी अपनी पहचान बनाई।