स्पोर्ट्स डेस्क: फीफा ने अमेरिका में होने वाले पहले क्लब विश्व कप के लिए 1 बिलियन डॉलर (लगभग 85.66 अरब रुपये) की पुरस्कार राशि का ऐलान किया है, जो टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमों के लिए एक बड़ा मौका है। इस राशि में से चैंपियन बनने वाली टीम को 125 मिलियन डॉलर (लगभग 10.70 अरब रुपये) तक मिल सकते हैं। यह पुरस्कार राशि टूर्नामेंट को और भी रोमांचक और प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए है।
फीफा ने यह भी बताया कि टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों को 14 जून से 13 जुलाई तक चलने वाले टूर्नामेंट में 525 मिलियन डॉलर की गारंटी फीस दी जाएगी। इसमें यूरोप की शीर्ष रैंक वाली टीम (संभवत: रियल मैड्रिड) को 38.19 मिलियन डॉलर से लेकर ओशिनिया के प्रतिनिधि ऑकलैंड सिटी को 3.58 मिलियन डॉलर तक की राशि दी जाएगी।
इसके अलावा टीमों को टूर्नामेंट में मैच जीतने पर अतिरिक्त पुरस्कार राशि का भी मौका मिलेगा। इस उद्देश्य के लिए फीफा ने 475 मिलियन डॉलर का प्रावधान रखा है। ग्रुप चरण के मैच जीतने पर प्रत्येक टीम को 2 मिलियन डॉलर मिलेंगे, जबकि अंतिम-16 चरण में खेलने वाली टीमों को 7.5 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जाएगा। अगर कोई टीम न्यूयॉर्क के मेटलाइफ स्टेडियम में फाइनल जीतती है, तो उसे 40 मिलियन डॉलर का इनाम मिलेगा।
क्लब विश्व कप में क्वालीफाई करने वाली यूरोपीय टीमों को कम से कम 12.81 मिलियन डॉलर का प्रवेश शुल्क मिलेगा। दक्षिण अमेरिका की छह टीमों को 15.21 मिलियन डॉलर का प्रवेश शुल्क मिलेगा। जबकि अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका (कोनकाकैफ) के क्षेत्र की टीमों को 9.55 मिलियन डॉलर का प्रवेश शुल्क मिलेगा। इसमें लियोनेल मेसी की टीम इंटर मियामी भी शामिल है।
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फीफा ने यह भी कहा कि भुगतान को खेल और वाणिज्यिक मानदंडों के आधार पर रैंकिंग द्वारा तय किया जाएगा। इस पुरस्कार राशि का उद्देश्य टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी टीमों को प्रोत्साहित करना और क्लब फुटबॉल के सबसे बड़े इवेंट को और भी रोमांचक बनाना है।