तिलक वर्मा (फोटो- सोशल मीडिया)
Tilak Varma Statement: एशिया कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच बेहद रोमांचक रहा। भारतीय टीम जब शुरुआती झटकों से उबरने की कोशिश कर रही थी, तभी युवा बल्लेबाज तिलक वर्मा क्रीज पर उतरे। विकेट लगातार गिर रहे थे और पाकिस्तान के खिलाड़ी मैदान पर लगातार टिप्पणियों के जरिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि तिलक ने संयम नहीं खोया और ठान लिया कि वह बल्ले से ही जवाब देंगे। मैच के बाद उन्होंने कहा कि “पाकिस्तानी खिलाड़ी काफी कुछ कह रहे थे, लेकिन मैंने सोचा कि जवाब सिर्फ बल्ले से ही देना है। मैच खत्म होने के बाद वे मैदान पर दिख भी नहीं रहे थे।”
भारतीय पारी को संभालने में तिलक वर्मा और शिवम दुबे की साझेदारी निर्णायक साबित हुई। दोनों ने मिलकर पांचवें विकेट के लिए 60 रनों की साझेदारी की, जिसने मैच को भारत की ओर मोड़ दिया। तिलक ने दबाव में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 53 गेंदों पर नाबाद 69 रन बनाए और आखिरी तक डटे रहे। उनकी पारी में बेहतरीन शॉट्स और समझदारी से रन बटोरने की झलक देखने को मिली। दूसरी ओर, शिवम दुबे ने भी आक्रामक अंदाज में खेलते हुए 33 रन बनाए। मजाकिया लहजे में दुबे ने कहा कि “मुझे लगता है मेरे बल्ले ने भी जवाब दिया, उनके पास कहने के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं था।”
तिलक ने यह भी बताया कि भारतीय दर्शकों का जोश उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा। उन्होंने कहा- “जब स्टेडियम में ‘वंदे मातरम’ के नारे गूंजे तो मेरे रोंगटे खड़े हो गए। उस पल मैंने सिर्फ भारत माता की जय बोलने की इच्छा महसूस की। दर्शकों का उत्साह मुझे लगातार प्रेरणा देता रहा।” इस जोश ने ही उन्हें मुश्किल हालात में टिके रहने और टीम को जीत तक पहुंचाने की ताकत दी।
शिवम दुबे ने बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। अनुभवी हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी में उन्होंने भारतीय पारी का पहला ओवर फेंका। शुरुआत में उन पर सवाल उठे थे, लेकिन पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने सटीक गेंदबाजी कर आलोचकों को चुप करा दिया। दुबे ने कहा कि “मेरे पीछे लगातार मेहनत और टीम मैनेजमेंट का भरोसा है। साथ ही, भारतीय समर्थकों की दुआओं ने भी हौसला बढ़ाया। इतने बड़े मैच में योगदान देना मेरे लिए बेहद खास अनुभव रहा।”
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एशिया कप का यह फाइनल साबित करता है कि भारतीय क्रिकेट की नई पीढ़ी बड़े मंच पर भी दबाव झेलकर शानदार प्रदर्शन कर सकती है। तिलक वर्मा और शिवम दुबे की साझेदारी ने न केवल टीम को जीत दिलाई बल्कि यह भी दिखाया कि आत्मविश्वास, मानसिक मजबूती और टीम स्पिरिट के दम पर हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की झलक भी पेश की।