एल. नागेश्वर राव (फोटो-सोशल मीडिया)
Justice Nageswara Rao appointed As Bihar Cricket Association Ombudsman: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रिटायर्ड जज एल. नागेश्वर राव को बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) का लोकपाल नियुक्त किया है। यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने कुछ पदाधिकारियों की अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई करने के लिए की गई है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि इस आदेश का उद्देश्य बाहरी हस्तक्षेप या सदस्यों के बीच आपसी विवादों के बिना एसोसिएशन के सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व न्यायाधीश शैकेश कुमार सिंह को लोकपाल नियुक्त करने के एकल पीठ के फैसले को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य मुद्दा लोकपाल की नियुक्ति से संबंधित है। हालांकि एकल न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति सिन्हा की नियुक्ति की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एकल न्यायाधीश (हाई कोर्ट के एक जज) ने बिहार क्रिकेट संघ के लिए एक लोकपाल नियुक्त किया था, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय की खंडपीठ (एक से ज़्यादा जजों की पीठ) ने इस नियुक्ति को रद्द कर दिया और कहा कि बीसीसीआई को नया लोकपाल नियुक्त करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमें समझ नहीं आ रहा कि बीसीसीआई इस मामले में क्यों शामिल है? बिहार क्रिकेट संघ के लोकपाल की नियुक्ति से बीसीसीआई का क्या लेना-देना है? अदालत ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में जनहित और बिहार क्रिकेट संघ के अच्छे संचालन के लिए हम पहले की गई नियुक्ति को रद्द करते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज, जस्टिस एल. नागेश्वर राव को बिहार क्रिकेट संघ का लोकपाल नियुक्त कर रही है। अदालत ने यह भी कहा कि बिहार क्रिकेट संघ से जुड़े दोनों पक्षों (यानि जिनके बीच विवाद है) को जस्टिस राव के साथ एक औपचारिक बैठक करनी चाहिए, ताकि BCA के कामकाज की रूपरेखा (यानि कैसे चलेगा संघ) तय की जा सके। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि जस्टिस राव को जो मानदेय (payment/salary) दिया जाएगा, वो संबंधित पक्षों (यानि BCA के जुड़े लोग) की आपसी बातचीत और सहमति से तय किया जाएगा।