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Delhi Capitals co owner Parth Jindal: दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक पार्थ जिंदल का मानना है कि महिला प्रीमियर लीग (WPL) का दायरा आने वाले वर्षों में और बढ़ने वाला है। उनका कहना है कि लीग में एक या दो नई टीमों का जुड़ना लगभग तय माना जा रहा है। इसके बाद टूर्नामेंट को ‘होम एंड अवे’ फॉर्मेट में कराने का रास्ता भी साफ हो सकता है, जैसा इंडियन प्रीमियर लीग में लागू है।
बीसीसीआई ने WPL 2026 के चौथे सीजन के लिए कैरेवैन मॉडल को जारी रखा है। पांच टीमों की यह लीग अभी दो से चार शहरों तक सीमित रहती है। इस बार प्रतियोगिता 9 जनवरी से नवी मुंबई और वडोदरा में खेली जाएगी। जिंदल के अनुसार, वर्तमान मॉडल खराब नहीं है, लेकिन यह लंबी अवधि के लिए आदर्श भी नहीं माना जा सकता।
पार्थ जिंदल ने बातचीत में कहा कि वह WPL को ठीक उसी प्रारूप में देखना चाहते हैं जैसा भारतीय पुरुष IPL में अपनाया जाता है, जहां टीमें अपने घरेलू मैदान पर और विपक्षी टीम के मैदान पर खेलती हैं। उन्होंने कहा कि इससे फैंस को बेहतर अनुभव मिलेगा, टीमों को अपनी घरेलू पहचान मजबूत करने में मदद मिलेगी और लीग के विकास की गति भी बढ़ेगी।
उनका कहना था कि बीसीसीआई इस मॉडल पर विचार कर रहा है, लेकिन मौजूदा विंडो छोटी होने की वजह से अभी इसे लागू करना संभव नहीं है। भविष्य में बड़ा विंडो मिलने पर बदलाव किए जा सकते हैं।
पार्थ जिंदल ने यह भी बताया कि 14 महीनों में दो WPL सीजन आयोजित होने के पीछे भी एक खास वजह है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि बोर्ड आने वाले समय में टीमों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है। नई टीम जुड़ने पर फॉर्मेट में बदलाव भी आसान हो जाएगा।
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जिंदल ने हाल ही में महिला वनडे विश्व कप में भारत की जीत का भी जिक्र किया। उनके अनुसार, इस खिताबी जीत के बाद महिला क्रिकेट की लोकप्रियता नए स्तर पर पहुंच गई है। यही वजह है कि WPL में निवेश करना एक दूरगामी और लाभदायक फैसला साबित हो रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही लीग के लिए बड़ा विंडो और बेहतर ढांचा तैयार किया जाएगा।