मनसुख मांडविया (फोटो-सोशल मीडिया)
National Sports Governance Bill: लोकसभा में सोमवार को खेल से जुड़े दो अहम बिल को पास किया गया। जिसमें नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025 तथा नेशनल एंटी-डोपिंग बिल को चर्चा के बाद लोकसभा के पास किया गया। दोनों बिल को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख माडविया ने लोकसभा पेश किया। जिसके बाद दोनों बिल को बहुमत से पास कर दिया गया।
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि ये कानून भारत को खेलों में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि जब भारत ओलंपिक की मेजबानी के लिए दावेदारी करेगा, तो यह जरूरी है कि हमारा खेल तंत्र मजबूत हो। यह विधेयक उसी दिशा में एक ठोस कदम है।
उन्होंने आगे कहा कि इतने बड़े देश होने के बावजूद भारत का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर संतोषजनक नहीं रहा है। अब समय है कि तैयारियां उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर पर हों। उन्होंने सदन में शोर-शराबा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों पर आरोप लगाया, ‘‘दुर्भाग्य है कि आजादी के इतने साल बाद भी इन महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में विपक्ष के साथी सहयोग नहीं कर रहे हैं।”
नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025 का उद्देश्य भारत में खेलों को पारदर्शी, जवाबदेह और खिलाड़ियों के हित में केंद्रित बनाना है। इस बिल के जरिए देश के खेल संगठनों जैसे कि राष्ट्रीय खेल महासंघ (NSFs) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कार्यप्रणाली में सुधार किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन संस्थाओं का संचालन पारदर्शी तरीके से हो और वे अपने फैसलों के लिए जनता और सरकार के प्रति जवाबदेह हों।
खासतौर पर महिला और नाबालिग खिलाड़ियों के अधिकारों और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें एक सुरक्षित और सहयोगपूर्ण माहौल मिल सके। इसके साथ ही खेल संगठनों में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराए जाएंगे ताकि कोई गुटबाजी या पक्षपात न हो। इसके अलावा, खेल से जुड़े विवादों का तेजी से और प्रभावी समाधान निकालने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे खिलाड़ियों को समय पर न्याय मिल सके।
नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल 2025 का मकसद भारत में खेलों को डोपिंग से मुक्त बनाना और खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा करना है। यह बिल पारित होने के बाद 2022 के पुराने डोपिंग कानून में बदलाव करेगा और उसे वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बना देगा। इस नए कानून में डोपिंग से जुड़ी परिभाषाओं को और स्पष्ट और विस्तृत किया गया है।
यह भी पढ़ें: रोहित शर्मा और विराट कोहली लेंगे वनडे क्रिकेट से भी संन्यास, ऑस्ट्रेलिया में हो सकता है आखिरी सीरीज
जैसे कि “व्हेयरअबाउट्स फेल्योर” का मतलब खिलाड़ी का अपनी मौजूदगी की जानकारी न देना, “टैंपरिंग” यानी डोप टेस्ट के साथ छेड़छाड़ करना, और “पजेशन” यानी प्रतिबंधित दवाओं को अपने पास रखना। इसके अलावा “मार्कर”, “मेटाबोलाइट” और “एंटी-डोपिंग ऑर्गनाइजेशन” जैसे तकनीकी शब्दों को भी सही ढंग से परिभाषित किया गया है। कुल मिलाकर, यह बिल भारत के डोपिंग नियंत्रण तंत्र को मजबूत बनाएगा और खिलाड़ियों को एक निष्पक्ष, सुरक्षित और सम्मानजनक खेल वातावरण प्रदान करेगा।