भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम (फोटो- सोशल मीडिया)
टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने भारतीय टीम का समर्थन किया है। उन्होंने 23 जुलाई से होने वाले चौथे टेस्ट मुकाबले से पहले कहा है कि टीम इंडिया सीरीज में वापसी कर सकती है। कैफ का ये भी मानना है कि यदि टीम इंडिया को हार डर उनकी लय भी बिगाड़ सकता है। न्यूज एजेंसी IANS से बात करते हुए मोहम्मद कैप ने कहा विराट, रोहित और अश्विन जैसे खिलाड़ियों की गौरमौजूदगी के बावजूद टीम इंडिया की मजबूती तारीफ के योग्य है। वहीं, गिल की कप्तानी की सराहना की है।
मोहम्मद कैफ ने टीम के सेलेक्शन का भी बचाव किया। उन्होंने टीम मैनेजमेंट को हार के बाद जल्दबाजी में फैसले न लेने की सलाह दी है। कैप का मानना है कि मैनेजमेंट को करुण नायर जैसे खिलाड़ियों पर भरोसा रखना चाहिए और मौजूदा प्लेइंग इलेवन को सपोर्ट करना चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैप ने टीम इंडिया के बारे में क्या-क्या कहा है?
इंग्लैंड सीरीज में खेल रही मौजूदा टीम इंडिया पर बात करते हुए मोहम्मद कैफ ने का कि “आपने चार दिन तक अच्छा क्रिकेट खेला और पांचवें दिन हार गए। इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी योजनाएं बदल दें। 2-2 से सीरीज बराबर होने की अच्छी संभावना है, भारत को बस शांत रहकर समझदारी से खेलना होगा। भारत ने पिछले 15 में से 12-13 दिन तक दबदबा बनाए रखा। उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार क्रिकेट खेला।”
इसके आगे उन्होंने कहा कि “जब यह टीम इंग्लैंड पहुंची, तो ज्यादातर लोग 0-4 या 1-4 से हार की भविष्यवाणी कर रहे थे, लेकिन इस युवा टीम ने सभी को चौंका दिया। कोहली, रोहित, शमी और अश्विन के बिना इस टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। दो करीबी मैच हारे—हेडिंग्ले भारत की पहुंच में था और 193 रनों का पीछा करते हुए आखिरी टेस्ट भी। शुभमन गिल ने कप्तान और बल्लेबाज के रूप में शानदार प्रदर्शन किया। इंग्लिश परिस्थितियों में उनकी क्षमता पर सवाल थे, लेकिन उन्होंने बल्ले से जवाब दिया। थोड़ी सी किस्मत के साथ भारत तीनों टेस्ट जीत सकता था।”
इसके आगे कैफ ने लॉर्ड्स में रवींद्र जडेजा के दमदार प्रदर्शन की बात की। उन्होंने कहा कि “जडेजा ने शानदार पारी खेली और उन्हें पूरा श्रेय जाता है, लेकिन अगर वे 10 प्रतिशत अधिक आक्रामक होते, तो नतीजा अलग हो सकता था। यह 5वां दिन का पिच था और गेंद रिवर्स हो रही थी, उछाल असमान था, और परिस्थितियां मुश्किल थीं। जब यशस्वी जायसवाल बल्लेबाजी करने आए, तो उन्होंने केवल तीन गेंदें खेलीं।”
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कैफ ने कहा “उस समय स्ट्राइक मैनेज करना जरूरी था और यह ध्यान देना कि बुमराह या सिराज जैसे टेलएंडर कितनी गेंदें खेल रहे हैं। जडेजा ने 90 प्रतिशत काम कर दिया था। बस 10 प्रतिशत और कुछ जोखिम भरे शॉट्स और चेज पूरा हो सकता था। लेकिन, बाहर से कहना आसान है। उस पल का दबाव केवल बल्लेबाज ही समझ सकता है। फिर भी, यह यादगार पारी थी।”