मिताली राज (फोटो-सोशल मीडिया)
Mithali Raj and Ravi Kalpana named stands at Vizag stadium: विशाखापट्टनम के एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में अब महिला क्रिकेट की दो दिग्गज खिलाड़ियों के नाम पर स्टैंड होगा। आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने भारतीय महिला टीम की पूर्व खिलाड़ी मिताली राज और रवि कल्पना के नाम पर स्टैंड का नामकरण करने का फैसला किया है। इन स्टैंड्स का अनावरण 12 अक्टूबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने वाले महिला वनडे विश्व कप मुकाबले से पहले किया जाएगा।
इस फैसले के पीछे एक खास कहानी है। अगस्त में आयोजित “ब्रेकिंग द बाउंड्रीज़” कार्यक्रम के दौरान भारतीय ओपनर स्मृति मंधाना ने आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश से सुझाव दिया था कि महिला क्रिकेट की दिग्गजों को इस तरह का सम्मान मिलना चाहिए। मंत्री ने तुरंत इस सुझाव को गंभीरता से लिया और अब यह पहल हकीकत बन चुकी है।
आंध्र क्रिकेट संघ (ACA) ने एक बयान में कहा कि मिताली राज और रवि कल्पना को स्टैंड के जरिए सम्मानित करना महिला क्रिकेट में उनके योगदान और प्रेरक भूमिका को सलाम करने जैसा है। उन्होंने आने वाली पीढ़ियों को बड़ा सपना देखने की प्रेरणा दी है।
मंत्री नारा लोकेश ने भी स्मृति मंधाना के सुझाव की सराहना करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक सुझाव नहीं था, बल्कि समाज की सोच को दर्शाने वाला कदम था। हमने इसे तुरंत अमल में लाकर यह दिखाया है कि हम लैंगिक समानता और महिला खिलाड़ियों के योगदान को लेकर गंभीर हैं।
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मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे सफल और अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने 23 साल के लंबे करियर में 232 वनडे में 7805 रन बनाए, जिसमें 7 शतक शामिल हैं। 89 टी20 में उन्होंने 2364 रन बनाए और 12 टेस्ट में 699 रन। टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 214 रन रहा, जो किसी भारतीय महिला बल्लेबाज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। मिताली ने 2022 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लिया।
रवि कल्पना ने 2015-16 के बीच भारत के लिए 7 वनडे खेले। वह आंध्र प्रदेश से भारत की जर्सी पहनने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनीं। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली कल्पना ने अपने संघर्ष से कई युवाओं को प्रेरित किया। उनकी बदौलत अरुंधति रेड्डी, एस मेघना और श्री चरणी जैसी कई खिलाड़ी भी भारत के लिए खेलने तक पहुंचीं। ACA का यह कदम महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम संकेत माना जा रहा है। स्टैंड का नामकरण न सिर्फ इन खिलाड़ियों के संघर्ष और उपलब्धियों को यादगार बनाएगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा भी देगा।