केकेआर टीम के साथ लक्ष्मी रतन शुक्ला (सोर्स- सोशल मीडिया)
Laxmi Ratan Shukla Birthday Special: क्रिकेट जगत में ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जिनका करियर भले ही काफी छोटा रहा हो, लेकिन उनका नाम काफी बड़ा है। भले ही वो आज के समय में काफी कम नजर आते हो, लेकिन शख्सियत जानी पहचानी हो। आज यानी 6 मई को एक ऐसे ही क्रिकेटर का जन्मदिन है जिसका इंटरनेशनल करिअर ज्यादा लंबा नहीं रहा, लेकिन उस बंगाल क्रिकेट को बहुत कुछ दिया। खेल के मैदान से राजनीति के रणक्षेत्र तक अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।
हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के दिग्गज ऑलराउंडर लक्ष्मी रतन शुक्ला की, जो आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। जिसने भारत के लिए केवल तीन ही वनडे खेले लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग में तीन फ्रेंचाइजियों से अपने हुनर का जलवा दिखाया।
लक्ष्मी रतन शुक्ला का जन्म 6 मई 1981 को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में हुआ था। उन्होंने न केवल क्रिकेट के मैदान पर अपने हुनर का जलवा बिखेरा, बल्कि राजनीति के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया। लक्ष्मी रतन शुक्ला पश्चिम बंगाल सरकार में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री भी रह चुके हैं।
लक्ष्मी रतन शुक्ला भारत के लिए 3 वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने 1997-98 में महाराष्ट्र के खिलाफ बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। अपने हरफनमौला खेल के दम पर उन्होंने जल्द ही भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बना ली और 1998 में अंडर-19 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली टीम में भी उन्हें शामिल किया गया।
अंडर-19 विश्व कप से लौटने के बाद लक्ष्मी रतन शुक्ला ने बंगाल के लिए पारी की शुरुआत की और दिल्ली के खिलाफ विल्स ट्रॉफी के सेमीफाइनल में मैच विजयी शतक बनाया। इस पारी के बाद चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी। वर्ष 2000 में उनका चयन राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ट्रेनी के रूप में हुआ।
अनुभवी ऑलराउंडर लक्ष्मी रतन शुक्ला ने बंगाल के लिए 137 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 35.93 की औसत से 6,217 रन बनाए। गेंदबाजी में उन्होंने 172 विकेट लिए। लिस्ट ए क्रिकेट में उन्होंने 141 मैचों में 2997 रन बनाए और 143 विकेट लिए। उनके घरेलू ट्वेंटी-20 रिकॉर्ड में 81 मैचों में 994 रन और 47 विकेट शामिल हैं।
लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इंडियन प्रीमियर लीग की फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर), दिल्ली डेयरडेविल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए भी खेला। लेकिन, बंगाल के इस पूर्व कप्तान ने 2016 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेकर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मी रतन शुक्ला ममता बनर्जी की सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री थे। 2016 से 2021 तक वे ममता बनर्जी की सरकार में हावड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे थे। जनवरी 2021 में उन्होंने खेल और युवा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
लक्ष्मी रतन शुक्ला की पहली मोहब्बत क्रिकेट ही रही है। उन्होंने राजनीति से क्रिकेट में वापसी करने के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिस पर उन्होंने खुद बात करते हुए कहा था कि वह खेल और प्रशिक्षण पर ज्यादा ध्यान देना चाहते हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने ये साफ कर दिया था कि वह पूरी तरह से राजनीति को अलविदा नहीं कह रहे हैं।
खास बात ये है कि लक्ष्मी रतन शुक्ला अभी भी टीएमसी के सदस्य हैं और वह भविष्य में वापस राजनीति में लौट सकते हैं। इस पर भी उन्होंने कहा था कि उनके और दीदी (ममता बनर्जी) के बीच काफी मधुर संबंध हैं। ममता ने उनके इस्तीफे के समय उन्हें गुड बॉय कहकर उन्हें शुभकामनाएं दी थी।