संदीप पाटिल ने किताब के विमोचन के दौरान कहा (फोटो-सोशल मीडिया)
स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय टीम के विश्व चैंपियन सदस्य और चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष संदीप पाटिल ने भारतीय कोच को लेकर बहुत बड़ा खुलासा किया है। उन्होने कहा कि जॉन राइट भारतीय टीम के सबसे सफल कोच में से एक हैं। वहीं ऐसा करने में ग्रैग चैपल और भारत के पूर्व कप्तान एवं कोच अनिल कुंबले ऐसा करने में नाकाम रहे।
उन्होंने कहा कि जॉन राइट का कार्यकाल इसलिए भी अच्छा रहा क्योंकि उन्होंने खिलाड़ियों को खुल छूट दी थी। वहीं इसके उल्टा चैपल और कुंबले ने किया। संदीप पाटिल ने अपनी आत्मकथा ‘बियॉन्ड बाउंड्रीज़’ का विमोचन करते हुए कहा कि चैपल के कार्यकाल की कई घटनाओं की जानकारी उन्हें थी, क्योंकि वह भारत ए के तत्कालीन कोच के रूप में चयन और बोर्ड के बैठकों में भाग लेते थे।
‘बियॉन्ड बाउंड्रीज़’ में उन्होंने लिखा कि भारत में 2000 के बाद विदेशी कोच और सहायक स्टाफ रखने का चलन शुरू हुआ। इससे काफी लाभ हुआ, क्योंकि भारत का विदेशी रिकॉर्ड लगातार बेहतर हुआ है। यह सब जॉन राइट के भारत के पहले विदेशी कोच बनने के साथ शुरू हुआ।
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उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जॉन राइट भारत के लिए आदर्श कोच थे। वह सरल भाषी, विनम्र और सभी से अच्छे व्यवहार से पेश आने वाले व्यक्ति थे, वो हमेशा अपने तक ही सीमित रहते थे और सौरव गांगुली के साथ वो खुश भी थे। वह शायद ही कभी खबरें में भी रहें। जबकि ग्रेग चैपल को खबरों में रहना ज्यादा पसंद था।
पाटिल का मानना है कि राइट के लिए प्रत्येक खिलाड़ी बराबर था और उनके लिए टीम सर्वोपरि थी। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है,‘‘राइट के कार्यकाल के दौरान सीनियर या जूनियर जैसा कोई मामला ही नहीं था। यह एक टीम थी। उनका मानना था कि सभी सीनियर खिलाड़ी किसी न किसी तरह से नेतृत्वकर्ता हैं। उन्होंने उन्हें सम्मान दिया और खुली छूट दी। मुझे लगता है कि अनिल कुंबले ऐसा नहीं कर पाए और ग्रेग चैपल भी।”
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