बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी के साथ वैभव सूर्यवंशी (फोटो-सोशल मीडिया)
Exclusive Interview: आईपीएल 2025 में वैभव सूर्यवंशी ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाज़ी से सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। डेब्यू करते ही उन्होंने सुर्खियां बटोर लीं। राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए वैभव ने महज 35 गेंदों में शतक लगाकर एक नया इतिहास रच दिया। वो आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने टी20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है।
वैभव ने यह करिश्मा महज 14 साल और 32 दिन की उम्र में कर दिखाया। गुजरात टाइटंस के खिलाफ खेले गए इस मैच में उन्होंने 38 गेंदों पर 101 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। जब वैभव मैदान पर चौके-छक्कों की बरसात कर रहे थे, तब बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी भी स्टेडियम में मौजूद थे और इस ऐतिहासिक पारी के साक्षी बने।
मैच के बाद नवभारत के उज्जवल सिन्हा से बातचीत में बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी ने गर्व से कहा कि बिहार का यह लाल बहुत जल्द और भी बड़े मंचों पर नजर आएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं वैभव सूर्यवंशी को फोन कर बधाई दी और 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की। तिवारी ने कहा कि बिहार एक बार फिर से क्रिकेट में अपने स्वर्णिम युग की ओर लौट रहा है। पढ़ें बीसीए अध्यक्ष से बातचीत का मुख्य अंश:
गुजरात टाइटंस के खिलाफ वैभव ने जो पारी खेली वो काबिले तारीफ है। हम सभी बिहारवासियों के लिए यह सिर्फ एक शतक नहीं था, बल्कि यह उम्मीद और आत्मविश्वास की एक नई शुरुआत थी। एक अध्यक्ष होने के नाते मेरे लिए यह बहुत ही भावनात्मक क्षण था। जब आप देखते हैं कि आपके राज्य का एक बच्चा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। यह पारी सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि बिहार क्रिकेट की एक नई पहचान है। इस पारी ने यह साबित कर दिया कि अगर सही समय पर मौका मिले और सही दिशा में मेहनत हो, तो बिहार के खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं हैं।
देखिए, उस समय जब हमने वैभव को 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू कराया था, तो कई लोगों ने सवाल उठाए। आलोचना भी हुई। कुछ ने इसे जल्दबाजी कहा, कुछ ने अनुभव की कमी का तर्क दिया। लेकिन हम सिर्फ उम्र नहीं, उसके भीतर की प्रतिभा, समर्पण और क्रिकेट को लेकर उसकी समझ देख रहे थे। आज जब वही लड़का आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाकर इतिहास रच रहा है, तो वो फैसला कहीं न कहीं सार्थक प्रतीत होता है।
उस समय हमारा विश्वास वैभव की मेहनत पर था और आज वही मेहनत रंग ला रही है। यह फैसला केवल वैभव के लिए नहीं, बल्कि आने वाले युवा खिलाड़ियों के लिए भी एक मिसाल है। अगर प्रतिभा है तो उम्र कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। बीसीए का मकसद सिर्फ खिलाड़ियों को मौका देना नहीं, बल्कि सही समय पर सही दिशा देना है। वैभव इसका सबसे जीवंत उदाहरण है।
बिहार क्रिकेट के मौजूदा विकास में राज्य सरकार और बीसीसीआई दोनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण और निर्णायक रही है। कई सालों तक बिहार क्रिकेट को जिस पहचान और संरचना की कमी महसूस होती थी, उसे इन दोनों संस्थाओं ने मिलकर पूरा किया है। राज्य सरकार ने ना सिर्फ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया है, बल्कि बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और आयोजन के स्तर पर भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का वैभव सूर्यवंशी को व्यक्तिगत रूप से फोन कर बधाई देना और 10 लाख रुपये की इनाम राशि घोषित करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार अब खेल को लेकर गंभीर और प्रतिबद्ध है। वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई ने हमें घरेलू क्रिकेट में पूरा दर्जा देकर हमारे खिलाड़ियों को एक राष्ट्रीय मंच पर खड़ा किया। इन दोनों के सहयोग से आज बिहार का क्रिकेट फिर से अपनी खोई हुई पहचान वापस पा रहा है।
इस ऐतिहासिक मौके पर बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी ने बिहार के उभरते क्रिकेटरों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन अब सिर्फ वर्तमान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में राज्य के हर कोने से प्रतिभाओं को तलाश कर उन्हें राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का काम करेगा।
राकेश तिवारी ने कहा कि हमारा संकल्प है कि अब कोई भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी सिर्फ अवसर की कमी की वजह से पीछे न रह जाए। हम एक ऐसा सिस्टम विकसित कर रहे हैं जहां हर जिले, हर क्लब और हर स्तर के खिलाड़ी को एक समान अवसर मिलेगा। बहुत जल्द राज्य के सभी खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत और पारदर्शी मंच तैयार किया जाएगा, जिससे वे बिना किसी बाधा के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सकें।
इस कड़ी में बीसीए अध्यक्ष ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि जून से बिहार में पहली बार एक राज्य स्तरीय टी20 क्रिकेट लीग की शुरुआत की जा रही है। इस लीग का नाम बिहार प्रीमियर लीग होगा। जो पूरी तरह से बीसीए द्वारा संचालित और नियंत्रित होगी। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक टैलेंट हंट प्लेटफॉर्म होगा। इस लीग के जरिए हम ऐसे कई वैभव सूर्यवंशी खोज पाएंगे जो आज भी चुपचाप मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक सही मंच नहीं मिला।
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उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस लीग में चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और राज्य के कोने-कोने से खिलाड़ियों को मौका मिलेगा। बीसीए की यह पहल न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में एक मिसाल बनेगी।