महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 (फोटो-सोशल मीडिया)
Women’s World Cup 2025: महिला वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत सितंबर से होने वाली है। वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले बीसीसीआई ने एक बड़ा फैसला लिया है। चिन्नास्वामी में हुए हादसे के बाद बेंगलुरु के इस स्टेडियम को बड़े मैचों को लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। जिसके बाद अब वर्ल्ड कप का मुकाबला बेंगलुरु की जगह नवी मुंबई में शिफ्ट किया गया है।
चिन्नास्वामी स्टेडियम की अनुपलब्धता के कारण महिला वनडे विश्व कप के बेंगलुरु में होने वाले मैच अब मुंबई में होंगे। नवी मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम महिला वनडे वर्ल्ड कप के पांच मैच की मेजबानी करेगा। महिला वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत 30 सितंबर से होगी। नवी मुंबई स्थित डीवाई पाटिल स्टेडियम में तीन लीग मैच, एक सेमीफाइनल और संभवतः फाइनल सहित पांच मैच आयोजित किए जाएंगे।
बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम की अनुपलब्धता के चलते आगामी महिला क्रिकेट विश्व कप के कार्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब बेंगलुरु में कोई भी मुकाबला नहीं खेला जाएगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के चेयरमैन जय शाह ने वेन्यू में बदलाव करते हुए कहा कि अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण हमें कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा और एक स्थान को बदलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस वेन्यू के बदलाव के बाद भी हमें खुशी है कि हमारे पास अब भी पांच विश्वस्तरीय स्थल हैं, जहां महिला क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ मुकाबले देखने को मिलेंगे। जय शाह ने आगे कहा कि मंच पूरी तरह तैयार है और मुझे विश्वास है कि यह टूर्नामेंट नई कल्पनाओं को पंख देगा और प्रशंसकों की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करेगा।”
यह भी पढ़ें: BCCI को खेल मंत्रालय ने नए नियमों से चुनाव कराने की दी सलाह, रोजर बिन्नी का कार्यकाल हुआ समाप्त
आठ टीमों वाले इस टूर्नामेंट के लिए नवी मुंबई के साथ अन्य स्थलों में गुवाहाटी, इंदौर, विशाखापत्तनम और कोलंबो शामिल हैं। हालांकि ICC की ओर से बेंगलुरु को हटाने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, लेकिन कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) द्वारा मेजबानी के लिए आवश्यक सरकारी मंजूरियां समय पर न मिल पाना इस बदलाव का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
इस साल की शुरुआत में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की जांच के बाद इसे बड़ी प्रतियोगिताओं की मेज़बानी के लिए “अयोग्य” घोषित कर दिया गया था।