विकास की रेस में आगे निकलता विदर्भ
विदर्भ महाराष्ट्र राज्य का उत्तर पूर्वी प्रादेशिक क्षेत्र है। वर्तमान में इस क्षेत्र के अंतर्गत नागपुर और अमरावती दो डिवीजन आते हैं, जिसके अंतर्गत महाराष्ट्र के नागपुर, अमरावती, चंद्रपुर, अकोला, वर्धा, बुलढाना, यवतमाल, भंडारा, गोंदिया, वाशिम, गढ़चिरौली जिले आते हैं। यह कुल क्षेत्रफल का 31.6 प्रतिशत है और महाराष्ट्र की कुल आबादी का 21.3 प्रतिशत हिस्सा इस इलारे में आता है।
जहां तक नागपुर की बात करें तो विदर्भ के साथ-साथ मध्य भारत का सबसे बड़ा शहर है, जिसके बाद दूसरा बड़ा शहर अमरावती है। विदर्भ में हरे-भरे पर्णपाती जंगल के लिए भी जाना जाता है, जहां देश विदेश से पर्यटक आते हैं। इन जंगलों में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का अस्तित्व आज भी कायम हैं । महाराष्ट्र के सभी बाघ अभयारण्य विदर्भ में स्थित हैं। विदर्भ में मराठी और हिन्दी सामान्य रूप से बोली जाती हैं। विदर्भ इलाके में विकास को लेकर तमाम तरह की संभावनाएं हैं। सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के लोग इसके लिए बढ़ चढ़कर आगे आ रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में तो सराहनीय कार्य हो रहा है, जिसे हम आसानी से देख और महसूस कर सकते हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावोस में 15 लाख करोड़ रुपये का करार किया था। इसमें से 3.5 लाख करोड़ का निवेश विदर्भ और लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश नागपुर में आया है। जिन सेक्टरों में निवेश आकर्षित किया गया है, वह नए युग के उद्योग क्षेत्र के हैं। इससे जहां नए उत्पाद बनेंगे, वहीं रोजगार के अपार संभावनाएं भी खुलेंगी। इन सब का प्रत्यक्ष असर सिटी के विकास पर पड़ेगा। सिटी बढ़ेगी और बड़े-बड़े प्रोजेक्ट देखने को मिलेंगे। जिसका इंतजार हम पिछले कई वर्षों से कर रहे थे, अब वह कुछ वर्षों में साकार होता दिखाई दे रहा है।
किसी भी सेक्टर को बढ़ाने के लिए रोजगार का बढ़ना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। जितना बड़ा निवेश दिखाया गया है निश्चित रूप से उनका लाभ संपूर्ण विदर्भ को आने वाले दिनों में मिलेगा। यहां की आय बढ़ेगी और संपन्नता भी बढ़ना तय है। नागपुर एक सुनहरा गंतव्य बनेगा, इसमें कोई दो राय नहीं है।अच्छी बात यह है कि करार करने वाली कई कंपनियों ने काम भी शुरू कर दिया है। इसी प्रकार मिहान में भी कई कंपनियां आ रही हैं।
मुख्यमंत्री सिंचाई प्रोजेक्ट को लेकर भी काफी गंभीर हैं और अब तक उनके प्रयासों से कई प्रोजेक्ट पूर्ण भी हो चुके हैं। निश्चित रूप से वे समग्र विकास को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि उद्योग आगे बढ़े और किसान पीछे रह जाए। गांवों में समृद्धि लाने का भी भरपूर प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि बुनियादी विकास पर भी काफी फोकस किया जा रहा है और एक के बाद एक बुनियादी परियोजनाएं आ रही है। इन सब के आने से विदर्भ का ‘चमन’ बनना लगभग तय है।
नागपुर में जिस तेजी से निवेश बढ़ रहा है और इसे एक ग्लोबल सिटी के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि होटल सेक्टर के बड़े दिग्गज नागपुर में दांव लगाने को तैयार हो गए हैं। अब तक लगभग 10-12 कंपनियों से करार हो चुका है, जो नागपुर में होटल खोलने जा रही हैं। इनमें देश के बड़े-बड़े ब्रांड हैं, जिसमें ताज भी शामिल है। ताज के साथ-साथ अन्य बड़े ब्रांड भी निवेश करने जा रहे हैं। सिटी में आतिथ्य सेक्टर में एक नया उछाल देखने को मिल रहा है। पिछले दिनों 1800 करोड़ रुपये केवल होटल सेक्टर में निवेश करने का एमओयू हुआ है। इस एमओयू से लगभग 1800 कमरें शहर में और तैयार होंगे। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि निवेश नागपुर में संभावनाएं देख रहे हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में नागपुर लंबी छलांग लगाने जा रहा है।
नागपुर को मध्यभारत का एक अहम गंतव्य बनाने का प्रयास काफी तेजी से हो रहा है। होटल के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं और कई प्रोजेक्ट्स पर काम भी शुरू हो गया है। जिसके कारण लोग पर्यटन क्षेत्र में रिसोर्ट्स खोलने को राजी हो गए हैं और वहां पर भी कई प्रोजेक्ट आने की संभावनाएं प्रबल हो गई है। इससे गांवों की संपन्नता बढ़ेगी। विदेशी पर्यटकों को रिझाने का भी पूरा-पूरा प्रयास हो रहा है। टेंपल से लेकर टाइगर तक के विकास को बढ़ाने की दिशा में कदम काफी आगे बढ़ चुके हैं और इसका सुनहरा कल जल्द देखने को मिलेगा।
सिटी में जिस तेजी से कारपोरेट हास्पिटल खुल रहे हैं और बेड सहित डाक्टरों की संख्या बढ़ रही है, उससे यह न सिर्फ मध्यभारत का बल्कि देश और विदेश में भी लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है। कई लोग देशभर से यहां इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। शहर में आज छोटे-बड़े सैकड़ों हास्पिटल शुरू हो चुके हैं। इन हास्पिटलों के एम्स भी खुद को स्थापित कर रहा है और नए-नए मुकाम हासिल कर रहा है। कई सफल इलाज कर एम्स ने लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली है।
मेडिकल, मेयो, डागा, कैंसर हास्पिटल को भी हजारों करोड़ रुपये का धन दिय गया है, जिसकी बदौलत इन सरकारी हास्पिटलों का भी कायाकल्प हो रहा है। इन हास्पिटल की बदौलत ही मध्यवर्गीय परिवार पूरे मध्यभारत से इजाल के लिए आते हैं। अत्याधुनिक मशीनें लगने के कार उपचार का स्तर भी काफी बढ़ गया है। एक के बाद एक नई मशीनें लगाई जा रही हैं और ये सरकारी अस्पताल भी अब कारपोरेट के टक्कर में खड़े हो रहे हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी बडे़ नामों की कमी नही है। एक-एक बीमारी के लिए शहर में दर्जनों विशेषज्ञ हास्पिटल शुरू हो चुके हैं। इन हास्पिटलों पर लोगों का भरोसा काफी बढ़ चुका है। इसलिए वे दूर-दूर से इलाज के लिए पहुंचते हैं।
किसी भी शहर में स्वास्थ्य सेवा का बेहतर होना काफी मायने रखता है। नागपुर इस मामले में कई बड़े शहरों को पीछे छोड़ रहा है। कई बड़े-बड़े राज्यों में ऐसी सुविधाएं नहीं मिल सकती है। आधुनिकता की बात हो या फिर डाक्टरों की उपलब्धता और विशेषज्ञ की बात, हर मामले में आज नागपुर टीयर-2 सिटी में काफी आगे निकल चुका है।
नागपुर में अब केवल छोटे-छोटे प्रोजेक्ट देखने को नहीं मिलते, बल्कि यहां पर बड़े-बड़े आवासीय प्रोजेक्ट आने लगे हैं। 3000-4000 फ्लैट की स्कीम बनाना अब सामान्य सी बात हो रही है। हर वर्ष सैकड़ों प्रोजेक्ट आ रहे हैं और बिक रहे हैं। प्लाट की डिमांड भी इतनी है कि निवेश इसके लिए उत्सुक रहते हैं। उन्हें प्रॉपर्टी में अच्छा रिटर्न भी मिल रहा है। आवासीय क्षेत्र का तेजी से बढ़ना किसी भी शहर के लिए शुभ संकेत माना जाता है और यह नागपुर में दिखाई भी दे रहा है।
देश के चंद बड़े शहरों में नागपुर का नाम शामिल हो गया है। मेट्रो, फ्लाईओवर और सड़क निर्माण ने सिटी का विस्तार किया है और अब शहर से बाहर एनएमआरडीए एरिया में भी एक से बढ़कर एक प्रोजेक्ट देखने को मिल रहे हैं। देश के कई बड़े खिलाड़ी यहां प्रोजेक्ट लांच कर रहे हैं। इन प्रोजेक्टों को भी लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि नागपुर में प्रॉपर्टी बाजार उफान पर है और लोगों को इस बाजार पर पूर्णत: विश्वास भी है। उन्हें भरोसा है कि नागपुर निराश करने वाला नहीं है। यहां पर ‘जमीन’ पर डाला गया पैसा उन्हें देकर ही जाएगा। इसी विश्वास ने देश के निवेशकों को भी यहां पर निवेश करने के लिए आकर्षित किया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जिस तेजी से शहर के विकास को जवज्जो दे रहे हैं, वह काफी महत्वपूर्ण है। मेट्रो के आने से शहर के दूर-दराज इलाकों में प्रॉपर्टी की मांग बढ़ गई है। मेट्रो में अभी ही एक लाख पैसेंजर सफर करने लगे हैं। यह भी काफी सकारात्मक संकेत ही कहा जा सकता है।