न्यूयॉर्क में ममदानी की जीत ट्रंप को चुनौती (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पूंजीवाद के देश अमेरिका के न्यूयॉर्क जैसे बड़े और ग्लैमरस शहर का मेयर एक समाजवादी विचारों वाला मुस्लिम युवा जोहरान ममदानी चुना गया। न्यूयॉर्क के करीब ही म्यूजियम ऑफ इमीग्रेंट है, जहां सबसे पहले बाहरी देशों के लोग आकर रुके थे और अपना पंजीयन कराया था। ममदानी भी भारतीय मूल के हैं जिनकी मां मीरा नायर ने सलाम बॉम्बे और मानसून वेडिंग जैसी फिल्में बनाई थीं। ममदानी ने मेयर के चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को मात दी। ममदानी की जीत ट्रंप की नीतियों पर करारा प्रहार है।
79 वर्षीय ट्रंप को चुनौती देते हुए 34 वर्षीय ममदानी ने कहा, ‘डोनाल्ड ट्रंप मुझे पता है कि आप मुझे टीवी पर लाइव देख रहे हैं, उसका वॉल्यूम तेज कर लीजिए। न्यूयॉर्क ने ही आपको उठाया और वही आपको घर भेज देगा।’ न्यूयॉर्क की जनता ने बदलाव का वोट इसलिए दिया है क्योंकि 2023 के राष्ट्रीय औसत की तुलना में वहां गरीबी की दर दोगुनी हो गई है। जीवनयापन बहुत महंगा हो गया है। न्यूयॉर्क के एक चौथाई लोग मकान किराया और भोजन का खर्च नहीं जुटा पा रहे हैं। दूसरी ओर इस शहर में अरबपतियों की तादाद बढ़ती जा रही हैं। मतदाता जान गए कि शासन प्रणाली दोषपूर्ण है। उन्होंने ममदानी को इसलिए वोट दिया क्योंकि उन्होंने मुफ्त बाल संगोपन (फ्री चाइल्ड केयर), सस्ता घरेलू सामान, मुफ्त बस भाड़ा और किराया नियंत्रण (रेंट कंट्रोल) का वादा किया जो कि अमेरिका के लोगों के लिए नई बात है। देखना होगा कि वह इन वादों को कैसे पूरा करते हैं।
ममदानी की जीत में न्यूयॉर्क में रह रहे पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, सोमालिया मूल के लोगों का योगदान है। जिस न्यूयॉर्क में पूंजीवाद का गढ़ वॉलस्ट्रीट है, वहां ममदानी का कहना है कि कराधान चोरी नहीं है बल्कि पूंजीवाद चोरी है। उनके आक्रामक विचार ट्रंप को चुनौती देने वाले हैं। न्यूयॉर्क में यदि 7 डेमोक्रेट हैं तो सिर्फ 1 रिपब्लिकन है। ममदानी की जीत में डेमोक्रेट की मजबूती सामने आई है। अमेरिका के किसी शहर का मेयर वहां का अधिकार संपन्न सीईओ होता है। न्यूयॉर्क, शिकागो, लॉस एंजिल्स का मेयर होना बड़े गौरव की बात है। इसके अलावा वर्जीनिया और न्यू जर्सी में गवर्नर पद पर डेमोक्रेटिक पार्टी की 2 महिलाएं चुनी गई हैं जो ट्रंप और उनकी रिपब्लिकन पार्टी के लिए जोर का झटका है।
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भारत का वर्तमान शासन तंत्र नेहरू की आलोचना और उन्हें भुलाने की कोशिशों में लगा है लेकिन ममदानी ने नेहरु के मशहूर भाषण ‘ट्रायस्ट विद डेस्टिनी’ के शब्दों को याद किया। एक शताब्दी के बाद न्यूयॉर्क को युवा मेयर मिला है। उन्हें एशियाई, अश्वेतों के अलावा गोरों और युवाओं के वोट भी मिले। आगे चलकर ममदानी का ट्रंप से टकराव काफी बढ़ सकता है। ‘सलाम बॉम्बे’ फिल्म बनाने वाली मीरा नायर के इस बेटे के लिए अब ‘सलाम न्यूयॉर्क’ कहा जा सकता है।