मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: प्रधानमंत्री मोदी यदि स्वाधीनता के शताब्दी वर्ष तक राष्ट्र को विकसित बनाने का संकल्प रखते हैं तो महाराष्ट्र भी ऐसे ही दृढ़ संकल्प को लेकर अग्रसर हो रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली सलाहकार समिति ने ‘विकसित महाराष्ट्र 2047’ के मसौदे को तैयार किया है, जो राज्य मंत्रिमंडल को पेश किया जाएगा।
मंत्रिमंडल के निर्देश व मान्यता के बाद इसे अमल में लाया जाएगा। आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से महाराष्ट्र देश व विश्व का प्रबल राज्य बने, यह इस दस्तावेज का उद्देश्य है। इसमें 2 दशकों में महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर करने, प्रति व्यक्ति आय 3.25 लाख से बढ़ाकर 34 लाख रुपये करने, विश्व के रहने योग्य उत्कृष्ट शहरों में महाराष्ट्र के 3 शहरों का समावेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
साथ ही महाराष्ट्र में मेट्रो का जाल वर्तमान 80 किलोमीटर से बढ़ाकर 500 किलोमीटर करने, महिलाओं को रोजगार 44 प्रतिशत से 80 प्रतिशत पर ले जाने जैसे उद्देश्य इस मसौदे में हैं। इसे हासिल करने के लिए महाराष्ट्र के 8 नागरी क्षेत्रों में उचित नियोजन करना होगा। इनमें मुंबई, पुणे, नागपुर महानगर प्राधिकरण के साथ नाशिक, सोलापुर, छत्रपति संभाजीनगर, कोल्हापुर व जलगांव का समावेश हैं।
ऐसे 16 क्षेत्रों में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामविकास, नगर विकास, भूसंपदा, जलसंपदा, आधारभूत सुविधाएं, वित्त, उद्योग, सेवा, सामाजिक विकास, सुरक्षा, सॉफ्टवेयर, तकनीक व मानवी विकास जैसे क्षेत्रों का समावेश है। आर्थिक विकास के 8 केंद्र व 16 क्षेत्रों के साथ विकसित महाराष्ट्र 2047 की संकल्पना का उद्देश्य है। 2029, 2035 और 2047 ऐसे 3 चरणों में यह लक्ष्य हासिल करने का संकल्प व्यक्त किया गया है।
महाराष्ट्र का आधुनिक पद्धति से नियोजनपूर्वक विकास करना स्वागत योग्य है। तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने फडणवीस ने इस विकसित महाराष्ट्र के मसौदे को स्वीकार करते हुए नियोजन के क्षेत्र में अधिक से अधिक एआई के उपयोग पर जोर दिया है। इसके लिए राज्य का एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) तैयार करने के लिए भी उन्होंने कहा है। किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी राज्य के अपने एआई प्रारूप पर आधारित होनी चाहिए। इससे योजना पारदर्शी व प्रभावी रहेगी।
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विकास के लिए आवश्यक है कि रोजगार निर्माण से उत्पादन के साथ ही सेवा क्षेत्र को भी महत्व दिया जाए। इन क्षेत्रों में भ्रष्टाचार होना राज्य के हित में नहीं है। रोजगार निर्माण में कृषि का भी विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए उचित योजना बनानी होगी। खेती व पूरक उद्योगों के लिए आर्थिक सहायता देना जरूरी है।
राज्य के उद्योगों के लिए अनुकूल संस्था बनानी होगी जो लालफीताशाही को दूर कर उद्योगों को पनपने में मदद दे। आगामी 22 वर्षों में एक-एक कदम जनता को विश्वास में लेकर उठाना होगा। इस समय नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप इतने हो रहे हैं कि आपस में रचनात्मक संवाद नहीं हो पा रहा है। इसका विवेकपूर्वक समाधान निकालने की आवश्यकता है। सभी दलों के नेता समझें कि राज्य के हित में सभी का हित है।
तीसरी बार महाराष्ट्र क मुख्यमंत्री बने फडणवीस ने इस विकसित महाराष्ट्र के मसौदे को स्वीकार करते हुए नियोजन के क्षेत्र में अधिक से अधिक एआई के उपयोग पर जोर दिया है। इसके लिए राज्य का एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) तैयार करने के लिए भी उन्होंने कहा है।
लेख-चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा