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नवभारत विशेष: विदेशी छात्रों पर वीजा प्रतिबंध, ट्रंप की सनक से अधर में लटका भारतीय छात्रों का ‘स्टडी इन अमेरिका’ का सपना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में फैले अपने दूतावासों को नए छात्र वीजा इंटरव्यू पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का मनमाना आदेश जारी किया है। लगभग 2 लाख 60 हजार भारतीय छात्रों ने स्टडी वीजा के अप्लाई किया था।

  • By दीपिका पाल
Updated On: May 30, 2025 | 11:43 AM

विदेशी छात्रों पर वीजा प्रतिबंध (सौ. डिजाइन फोटो)

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नवभारत डिजिटल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनियाभर में फैले अपने दूतावासों को नए छात्र वीजा इंटरव्यू पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का मनमाना आदेश जारी किया है। इससे लाखों विदेशी छात्रों की तरह हजारों भारतीय छात्रों का भी ‘स्टडी इन अमेरिका’ का सपना अधर में लटक गया है। एक अनुमान के मुताबिक इस साल लगभग 2 लाख 60 हजार के आसपास भारतीय छात्रों ने अमेरिका में स्टडी वीजा के लिए अप्लाई किया था। अमेरिकी शैक्षिक संस्थानों पर दो बार दाखिले होते हैं, पहला- दाखिला समर सीजन में होता है, जो मई से अगस्त तक होता है और दूसरा फॉल सीजन में जो कि सितंबर से नवंबर तक चलता है।

समर सीजन के लिए अब तक 50 फीसदी से ज्यादा एडमिशन शुरू हो चुके हैं। इन छात्रों के वीजा इंटरव्यू काफी हद तक हो चुके हैं। लेकिन फॉल सीजन के लिए अभी बाकी हैं। पिछले साल अमेरिका में लगभग 3 लाख भारतीय छात्र पढ़ने गए थे, जो करीब 11 लाख विदेशी छात्रों में किसी एक देश की सबसे बड़ी संख्या थे। भारत के बाद दूसरे नंबर पर 2 लाख 77 हजार चीनी छात्र, जबकि तीसरे नंबर पर दक्षिण कोरिया के लगभग 43 हजार छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे।

बोझ नहीं बल्कि संसाधन

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी कभी भी अमेरिका के लिए बोझ नहीं रहे, बल्कि उल्टा संसाधन माने गए हैं। विदेशी छात्र हमेशा से अमेरिकी अर्थव्यवस्था और अमेरिकी समाज की बहुत बड़ी ताकत रहे हैं। ये न सिर्फ आर्थिक दृष्टि से बल्कि तकनीकी, सांस्कृतिक और अकादमिक नवाचार की दृष्टि से भी अमेरिका में अहम योगदान देते रहे हैं। 2023-24 में लगभग 11 लाख और 2022-23 में करीब 10 लाख विदेशी छात्र दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से अमेरिका में पढ़ने के लिए आए थे। इन छात्रों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 38 से 40 बिलियन डॉलर तक का सीधा आर्थिक योगदान दिया था। इसमें इनकी ट्यूशन फीस, रहने खाने का खर्च, यात्रा, बीमा और अन्य खर्च शामिल हैं।

इससे सिर्फ अमेरिका के शैक्षिक संस्थानों को ही नहीं, बल्कि उन शहरों को भी जबर्दस्त आर्थिक फायदा होता रहा है, जहां ये शैक्षिक संस्थान स्थित हैं। विदेशी छात्र जिन अमेरिकी शहरों में पढ़ते हैं, वहां रीयल इस्टेट, ट्रांसपोर्ट, रेस्टोरेंट तथा रिटेल जैसे सभी क्षेत्रों में बाकी शहरों से मांग ज्यादा रहती है। अमेरिका के सरकारी विश्वविद्यालय और पब्लिक कॉलेज अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा विदेशी छात्रों द्वारा दी जाने वाली फीस से अर्जित करते हैं। अमेरिकी शैक्षिक संस्थानों को विदेशी छात्रों से जो ट्यूशन फीस मिलती है, वह फीस अमेरिकी छात्रों के मुकाबले कई गुना ज्यादा होती है।

अर्थव्यवस्था में देते हैं योगदान

अपने मौजूदा टर्म के चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद ‘स्टेम’ छात्रों को अमेरिका के लिए एसेट्स कहा था। स्टेम छात्र साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स जैसे विषयों में दाखिला लेने वाले विदेशी छात्र होते हैं। अमेरिका में इस समय जो दुनिया की टॉप टेक कंपनियां हैं जैसे- गूगल, माइक्रोसॉफ्ट ये सब इन्हीं विदेशी रिसर्च छात्रों की बदौलत हैं। यही नहीं एआई, बायोटेक और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान विदेशी छात्रों का ही हैं। अमेरिका में एक तिहाई से ज्यादा स्टार्टअप और रोजगार का सृजन भी यही एच-1 बी वीजा या ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ओपीटी) के तहत पढ़ाई के बाद काम करने वाले छात्रों द्वारा ही शुरू किए जाते हैं। अमेरिका की फॉर्च्यून फाइव हंड्रेड कंपनियों में 25 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियों की स्थापना अप्रवासियों या उनके बच्चों ने की है।

इससे पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी छात्रों का कितना अहम योगदान है। जो छात्र अमेरिका में पढ़कर अपने देश लौटते हैं, वे अपने साथ अमेरिकी संस्कृति और अनुभव को लेकर भी जाते हैं। इस तरह पूरी दुनिया में अमेरिका की सॉफ्ट पावर की कूटनीति भी कामयाबी से चलती है। अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्र अपने खुले विचारों, विदेशी छात्र न सिर्फ अमेरिका की अर्थव्यवस्था के बहुत बड़े संसाधन हैं, बल्कि अमेरिका के समूचे अस्तित्व की जान हैं। आज अगर अमेरिका दुनिया में सुपरपावर है, तो सिर्फ अपनी मिलिट्री की बदौलत नहीं है, वह अमेरिका की लोकतांत्रिक व्यवस्था, प्रेस की स्वतंत्रता और विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती व नागरिक अधिकारों की रक्षा के कारण है। ये वही मूल्य हैं, जिनके दम पर अमेरिका दशकों से दुनिया की मॉरल अथॉरिटी बना हुआ है।

लेख- लोकमित्र गौतम के द्वारा

Us president donald trump orders his embassies to ban new student visa interviews

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Published On: May 30, 2025 | 11:43 AM

Topics:  

  • America News
  • Donald Trump
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