प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: वह दिन जब हम उस जननायक का जन्मदिवस मना रहे हैं, जिन्होंने भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊंचा किया और जिसे हम नए युग का भाग्यविधाता कह सकते हैं, हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मैं उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उन्हें उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें तथा वे अनेक वर्षों तक हमें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देते रहें। 3 वर्ष पहले उनके आशीर्वाद से मुझे महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य का नेतृत्व करने का अवसर मिला। मैंने मुख्यमंत्री पद की और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तुरंत बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद किया।
उनके शब्द आज भी मेरे कानों में गूंजते हैं- ‘आप एक ग्रासरूट नेता हो, मुझे विश्वास है कि आप अपने अनुभवों से महाराष्ट्र जैसे पुरोगामी राज्य को नई ऊंचाई तक ले जाएंगे। मिलकर काम करो, अच्छा काम करो, कोई मदद चाहिए तो बताना। महाराष्ट्र के विकास के लिए सब करेंगे।’ मुख्यमंत्री बनने से पहले मुझे मोदी जैसे विराट व्यक्तित्व से व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर नहीं मिला था, लेकिन बीते तीन वर्षों में महाराष्ट्र और दिल्ली में उनसे अनेक बार मुलाकात का अवसर मिला। उनका अपनापन,स्पष्ट, मार्मिक संवाद और हल्के-फुल्के मजाक हर किसी के लिए अविस्मरणीय होते हैं।
मोदी का जीवन संघर्ष, राष्ट्र समर्पण और प्रेरणा का प्रतीक है। कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताते हुए भी संघ के संस्कारों को आत्मसात करते हुए एक स्वयंसेवक के रूप में कार्य करना, फिर गुजरात का मुख्यमंत्री बनना और उसके बाद बीते 11 वर्षों से प्रधानमंत्री के रूप में देश को ऊंचाइयों पर ले जाना यह सफलता की अद्वितीय गाथा है। मोदी मेहनत, ईमानदारी और राष्ट्रनिष्ठा का जीवंत उदाहरण हैं।
डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने देश को नई पहचान दी। प्रधानमंत्री जनधन योजना जैसी अभिनव योजनाओं ने करोड़ों गरीबों के जीवन में बदलाव लाया। स्वच्छ भारत अभियान चलाना, आयुष्मान भारत से गरीबों को स्वास्थ्य सुरक्षा देना, उज्ज्वला योजना से माताओं बहनों को धुएं से मुक्त रसोई उपलब्ध कराना यह सब उनकी दूरदृष्टि का परिणाम है। जी-20 की अध्यक्षता ने भारत को विश्व में अग्रणी भूमिका में लाकर खड़ा कर दिया। कोविड महामारी के समय छोटे-छोटे देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराकर भारत ने अपनी मानवतावादी छवि को सिद्ध किया। ‘मेक इन इंडिया’ ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता दी। सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश देना-यह सब भारत की ताकत का प्रतीक बना।
मोदी ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत किया। महाराष्ट्र उद्योग, संस्कृति और कर्तृत्व का संगम है। प्रधानमंत्री मोदी हमेशा हमारी महायुति सरकार के साथ खड़े रहे। मुंबई का बदलता रूप ट्रांस हार्बर लिंक, मेट्रो परियोजनाएं, बुलेट ट्रेन और अटल सेतु सब उनके मार्गदर्शन और सहयोग से संभव हुआ। समृद्धि महामार्ग जैसे प्रकल्प गेमचेंजर साबित हुए। पीएम किसान सम्मान निधि ने किसानों तक सीधी सहायता पहुंचाई। स्मार्ट सिटी योजना से पुणे, नागपुर, ठाणे और छत्रपति संभाजीनगर जैसे शहरों को नया रूप मिला। मराठी भाषा को अभिजात दर्जा भी उन्हीं के प्रयासों से मिला। दावोस में जब मुझे महाराष्ट्र के लिए निवेश आकर्षित करने का अवसर मिला, तब महसूस हुआ कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम का कितना प्रभाव है।
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वंदनीय बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे जैसे मेरे गुरुओं के बाद यदि आज मुझे किसी से प्रेरणा मिलती है, तो वह नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से। ‘देश के लिए ईमानदारी एवं निष्ठा से काम करने पर लोग भरोसा करते हैं- यह उनका संदेश मेरे जीवन में सदैव मार्गदर्शन करता रहेगा। आज उनके जन्मदिवस पर मैं पुनः उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रार्थना करता हूं कि उनका कुशल नेतृत्व यूं ही देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाता रहे।
लेख- एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री, महाराष्ट्र