एलन मस्क (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क अब राष्ट्रपति ट्रंप पर किए गए कुछ पोस्ट के लिए पछता रहे हैं लेकिन कहावत है- अब पछताए होत का, जब चिड़िया चुग गईं खेत! ऐसे कर्म ही क्यों करना जिसके लिए पछताना पड़े। जिस डाल पर बैठो उसे काटना नहीं चाहिए। मस्क ने पानी में रहकर ट्रंप रूपी मगरमच्छ से बैर किया। यह भी नहीं सोचा कि जिसकी लाठी उसकी भैंस होती है।’
हमने कहा, ‘अमेरिका में भैंस नहीं होती। वहां सिर्फ जर्सी गाय होती हैं। भैंस एशिया के गर्म देशों में होती है। इसलिए कहावत का सोच समझ कर इस्तेमाल कीजिए। ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अब उनका और ट्रंप का रिश्ता खत्म हो चुका है। मस्क ने मुंहजोरी करते हुए ट्रंप के बिग एंड ब्यूटीफुल बिल को कुरूप बताया था। उन्होंने कहा कि यह बिल मुझे कभी नहीं दिखाया गया और जल्दबाजी में पास किया गया। ट्रंप ने कहा कि वह मस्क को किसी चीज के लिए कोई दोष नहीं देते। वह इसलिए नाराज हैं क्योंकि हमने ईवी कार टेस्ला के लिए दिया जानेवाला अनुदान खत्म कर दिया।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज मतलब पूरा नहीं हुआ या किसी ने भड़का दिया तो दोस्ती को दुश्मनी में बदलते देर नहीं लगती। आपको सुभाष घई की फिल्म ‘सौदागर’ की याद होगी जिसमें वीरूसिंह (दिलीपकुमार) और राजेश्वर सिंह (राजकुमार) जैसे जिगरी दोस्तों की बीच चुनिया (अमरीश पुरी) और बलीराम (गुलशन ग्रोवर) दुश्मनी करा देते हैं। यही हालत ट्रंप और मस्क के बीच है। उस फिल्म में दिलीप कुमार का डायलाग है- हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे लेकिन वो कानून भी हमारा होगा और वक्त भी हमारा होगा।’
हमने कहा, ‘बाद में खलनायकों का सफाया हो जाता है और दिलीप कुमार और राजकुमार एक दूसरे के गले में हाथ डालकर गाने लगते हैं- इमली का बूटा, बूटे का बेर, इस जंगल में हम दो शेर, चल घर जल्दी हो गई देर। इसलिए मानकर चलिए कि जब गलतफहमी के बादल छंट जाएंगे तो ट्रंप और मस्क में भी फिर से दोस्ती हो जाएगी। टेस्ला की टशन आखिर कितने दिन चलेगी! मस्क ने पछतावा व्यक्त करते हुए ट्रंप को मस्का लगाना शुरू कर दिया है। धंधे-बिजनेसवाले को हमेशा सत्ताधारी का साथ देना पड़ता है। जो खिलाफ गया वह न घर का रहता है न घाट का! उसका हाल सुब्रतराय सहारा, माल्या, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी जैसा हो जाता है।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा