बीएसएफ जवान की तुरंत हो देश वापसी (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पहलगाम में आंतकी हमले के ठीक अगले दिन 23 अप्रैल को पाकिस्तानी रेंजर्स ने दो फोटो जारी किये, एक में उन्होंने एक जवान को पकड़ रखा था दूसरी में उस जवान की आँखों में पट्टी बांध रखी थी।यह जवान भारत की बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) का पूर्णव साव था।पहली तस्वीर में जहां पूर्णव साव पेड़ के नीचे खड़ा है, वही जमीन पर उसकी राइफल, पानी की बोतल और गोलियों का बैग पड़ा हुआ है।दूसरी फोटो ज्यादा परेशान करने वाली है, क्योंकि इस फोटो में पाकिस्तानी रेंजर्स ने पूर्णव की आंखों में पट्टी बांध रखी है।गौरतलब है कि पूर्णव बंगाल के हुगली जिले में स्थित रिसड़ा गांव का रहने वाला है।
वह पिछले 17 वर्षों से बीएसएफ में कार्यरत है और इन दिनों पंजाब में फिरोजपुर के पास भारत- पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात था।भारत-पाक बोर्डर में कई जगह सरहद के आरपार किसानों के खेत मौजूद है।इन खेतों में किसान सैनिकों की सुरक्षा में काम किया करते हैं।फिरोजपुर के ऐसे ही बॉर्डर में इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है, जहां पूर्णव किसानों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात था।बीएसएफ के इस जवान से इस संबंध में गलती यह हुई कि वह बॉर्डर की फेंसिंग पर लगे गेट नंबर 2008/1 में किसानों को सुरक्षा देते समय गलती से बॉर्डर पार को कर गया और चूंकि उसकी तबीयत भी कुछ ढीली थी, इसलिए वहीं मौजूद एक पेड़ के नीचे सुस्ताने के लिए बैठ गया और दुर्भाग्य से उसे नींद आ गई.
तभी पाक रेंजर्स ने पूर्णव साव को गिरफ्तार कर लिया और बहुत कहने के बाद भी कि तबीयत खराब होने की वजह से उसे पेड़ के नीचे झपकी आ गई, पाकिस्तानी सीमा रक्षकों ने साव को नहीं छोड़ा।इस बीच बीएसएफ के कई वरिष्ठ अधिकारी भी आ गये बावजूद इसके पाकिस्तान की तरफ से कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया और वे पूर्णव को लेकर चले गये।इसके बाद से पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ बीएसएफ की हाई लेवल तीन तीन फ्लैगशिप मीटिंग्स हो चुकी है, लेकिन बीएसएसफ जवान के छोड़े जाने से संबंधित कोई सकारात्मक सूचना नहीं आयी।
ज्यों ज्यों दिन बढ़ रहे है, चिंता बढ़ रही है कि बीएसएफ जवान के खिलाफ दुश्मन कोई कुचक्र तो नहीं रच रहा? जिस तरह पहलगाम हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रिश्ते लगातार तनाव के चरम तक पहुंचते जा रहे हैं, आशंका होने लगती है कि कहीं माहौल की गरमागरमी और तनाव का खामियाजा इस सीमा सुरक्षा बल के जवान को न भुगतना पड़ जाय।इसलिए भारत सरकार और सेना के अधिकारियों को भी।पहली प्राथमिकता के तहत सीमा सुरक्षा बल के जवान पूर्णव साव की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
दोनों देश सीमित युद्ध में उलझ गये तो एक सामान्य बीएसएफ जवान के लिए वापसी करना कम से कम मुश्किल हो सकता है।इसलिए भारत सरकार और जितने भी सेना के महत्वपूर्ण लोग हों, उन्हें इस मामले को जल्द से जल्द सुलझा लेना चाहिए।क्योंकि जो स्थितियां बन रही है, वह ऐसी नहीं है कि एक दो दिन में स्वत: तनाव कम हो जायेगा।चूंकि भूले भटके एक दूसरे की सरहद पर पहुंच गये जवानों के लिए जिनेवा का मजबूत समझौता है तथा कई दूसरी अंतरराष्ट्रीय कानून भी है, जिन्हें हर देश को पालन करना होता है।
ऐसे में यदि पाकिस्तान कोई आनाकानी कर रहा हो या पूर्णव साव की रिहाई को किसी मकसद के लिए ब्लैकमेल करना चाहा रहा हो तो भारत को तुरंत अंतरराष्ट्रीय डिप्लोमेटिक चैनल का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान सरकार पर बीएसएफ जवान की रिहाई के लिए दबाव डलवाना चाहिए।