Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

एलन मस्क का स्पेसएक्स मचा रहा स्पेस में बवाल, अंतरिक्ष अनुसंधान में कर रहा आश्चर्यजनक कमाल

SpaceX के स्टारशिप की आश्चर्यजनक ऐतिहासिक सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र की नई चर्चाओं में उबाल ला दिया है। इसी बीच ISRO ने अपनी री-यूजेबल इंजन और स्पेस व्हीकल निर्माण के प्रयासों को गतिमान किया।

  • By मृणाल पाठक
Updated On: Oct 24, 2024 | 01:08 PM

(डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डेस्क: स्पेसएक्स के स्टारशिप की आश्चर्यजनक ऐतिहासिक सफलता ने अंतरिक्ष के क्षेत्र की नई चर्चाओं में उबाल ला दिया है। मंगल पर बस्ती बनाने, अंतरिक्ष में सैरसपाटा करने जैसी परिकल्पनाओं के बीच इसरो ने अपनी री-यूजेबल इंजन और स्पेस व्हीकल निर्माण के प्रयासों को गतिमान किया। पिछले दिनों वह अकल्पनीय दृश्य सभी ने देखा जब स्पेसएक्स कंपनी द्वारा निर्मित संसार के सबसे ताकतवर स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट ने जहां से उड़ान भरी थी।

सात मिनट बाद यान का भारी भरकम सुपर हैवी बूस्टर अपने 33 रैप्टर इंजनों के साथ, 96 किलोमीटर की दूरी तय करने के पश्चात हवा में तैरते, लाल बैंगनी लपटें उठाते, 146 मीटर ऊंचे खड़े लैंडिंग टॉवर के पास पहुंचकर बेहद सफ़ाई से उसकी चॉपस्टिक नामक विशालकाय यांत्रिक भुजाओं में समा गया।

रॉकेट को लांचिग पैड से आसमान की ओर जाते सबने देखा है पर पहली बार उसे आसमान से लांचिंग पैड पर सुरक्षित उतरते देखना तकनीकि नियंत्रण का चमत्कार कहा जाएगा। यान के साथ 6 इंजनों के साथ गया वह मॉड्यूल जिसमें भविष्य के अभियानों में 100 अंतरिक्ष यात्री बैठकर जाएंगे उसे भी 40 मिनट बाद हिंद महासागर में सुरक्षित उतार लेना भी काबिले तारीफ रहा क्योंकि उसकी वापसी की रफ्तार 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे और तापमान 1,430 सेंटीग्रेड तक था।

रियूजेबल अंतरिक्ष यान

परीक्षण के पांचवें प्रयास में मिली इस कामयाबी के मायने कई अर्थों में बहुत दूरगामी हैं। स्पेसएक्स की परियोजना का उद्देश्य व्यावसायिक तौर पर अंतरिक्ष यात्राओं को सुलभ और इतना नियमित बनाना है कि मानव बहुग्रही या इंटरप्लेनेटरी हो जाए। 40,000 किमी की ऊंचाई तक जाने वाले इस यान का बेहतर संस्करण मंगल ग्रह तक यात्रा करने में सक्षम होगा तो दूसरे कुछ ग्रह भी उसकी पहुंच में होंगे।

अंतरिक्ष यान यात्रा के बाद किसी बस की तरह सही सलामत अपने अड्ड़े पर वापस लाने की क्षमता अंतरिक्ष मिशन के खतरे और जटिलता कम करेगी, बार-बार नये यान, इंजन नहीं बदलने होंगे। महज इंजन के रखरखाव और ईंधन का खर्च होगा। अंतरिक्ष यात्राओं की लागत कम होगी। यान बढ़ेंगे तो ग्रहों पर यात्रा के फेरे बढ़ेंगे। लोग निजी दौरे पर अंतरिक्ष में जाएंगे। नियमित आवागमन दूसरे ग्रहों पर भी आवास के लिए प्रेरित करेगा।

यह भी पढ़ें- LAC पर चीन से समझौता अच्छी पहल, 2020 की स्थिति की बहाली

प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने 7 साल पहले कहा था कि अगर इंसानों को अपना अस्तित्व बचाना है, तो उनको 100 साल के भीतर धरती से बाहर कहीं जगह तलाश लेनी चाहिये। एलन मस्क को लगता है कि मंगल जैसे ग्रहों पर मानव की आश्रय स्थली बन सकती है। इरादा है, वहां 2029 तक मानव बस्ती और 20 साल में शहर बसा दिया जाए।

इन री-यूजेबल यान से वहां लोग पहुंचाए जाएं और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाए। ऐसा हो जाए तो मुनाफा उन्हीं की कंपनी कूटेगी। री-यूजेबल रॉकेट और उसकी तकनीक पर स्पेसएक्स का ही एकाधिकार है। उसका ‘फॉल्कन 9’ रॉकेट आज अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा उड़ान भरने वाला री-यूजेबल रॉकेट है।

री-यूजेबल रॉकेट बनाने की दिशा में काफी आगे बढ़ चुका इसरो स्पेसएक्स की सफलता को प्रेरणा के तौर पर लेगा। इसरो का री-यूजेबल नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च व्हीकल के डिजाइन पर काम पूरा हो चुका है और कलपुर्जों का अत्याधुनिक विनिर्माण तकनीक बनाने का काम हो चुका है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और गोदरेज जैसे एयरोस्पेस निर्माता साथ हैं। बेशक स्पेस तकनीक और इंजीनियरिंग से जुड़ी कई और निजी स्टार्टप को भी शामिल करना होगा।

इसरो की भी तैयारी

इसरो ऐसे री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल पर भी काम कर रहा है, जो स्वचालित लैंडिंग और पावर्ड क्रूज उड़ान जैसी क्षमताओं के अलावा हाइपरसोनिक उड़ान की क्षमता से युक्त हो और इन सबको जांचने के लिए एक उड़ान परीक्षण केंद्र भी तैयार हो। पिछले महीने री-यूजेबल इंजन के प्री-इग्निटर का सफल परीक्षण महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।

तीन लैंडिंग प्रयोगों और परीक्षणों को पूरा करने के बाद यह अभियान महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है। सरकार का इसरो के बजट में इतनी भारी बढ़ोतरी करना कि वह तीन वर्षों में इसरो के कुल वार्षिक बजट के बराबर हो यह दर्शाता है कि व्यापक अंतरिक्ष कार्यक्रम के प्रति सरकार कितनी प्रतिबद्ध है।

एनजीएलवी, चंद्रयान-4, शुक्र ग्रह मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के बाद री-यूजेबल स्पेस इंजन और यान अनिवार्य हो चुका है। चंद्रयान-4 के 36 महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है, शुक्र ग्रह मिशन यानी वीओएम को मार्च 2028 में लॉन्च किया जाना है, उसी साल अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन का पहला मॉड्यूल अंतरिक्ष में स्थापित होना है।

लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा

Spacex success is amazing doing amazing wonders in space research

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 24, 2024 | 01:08 PM

Topics:  

  • Elon Musk

सम्बंधित ख़बरें

1

डिजिटल नियमों के उल्लंघन पर X को 1,080 करोड़ रुपये का जुर्माना, पारदर्शिता पर उठे सवाल

2

अब बचना मुश्किल, विश्वयुद्ध तय! मस्क की भविष्यवाणी से थर्राई दुनिया, न्यूक्लियर वॉर का भी खतरा

3

निशानेबाज: लुभावना होता है अमेरिकन ड्रीम, इसीलिए वहां जाता अपना क्रीम

4

ऑफिस जाने की टेंशन खत्म! एलन मस्क का चौंकाने वाला दावा, बोले- AI बदल देगा पूरी दुनिया

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.