निशानेबाज (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, आपने फिल्मी गीत सुना होगा- इश्क की गली विच नो एंट्री! मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी उद्धव ठाकरे के लिए महायुति और बीजेपी का द्वार बंद होने की घोषणा कर दी। उद्धव चाहें तो भी उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी।’’
हमने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को इतनी बेरुखी दिखाने की क्या जरूरत थी? राजनीति में रिश्ते बनते-बिगड़ते रहते हैं। पता नहीं, कब किसकी गरज पड़ जाए। पिछले कुछ समय से उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और सांसद संजय राऊत समेत कई नेता देवेंद्र फडणवीस की तारीफ कर रहे थे। इसीलिए अटकलें लग रही थीं कि भविष्य में उद्धव को साथ लिया जाएगा। राज्य की जनता देख रही है कि जबसे महायुति की सरकार बनी है, उद्धव ठाकरे और देवेंद्र के बीच मुलाकातों की संख्या बढ़ गई है।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, मुलाकात की भी कोई सीमा होती है। आपको गीत याद होगा- आज की मुलाकात बस इतनी, कर ले ना बातें कल चाहे जितनी! एक अन्य गीत है- ये दुनियावाले पूछेंगे, क्या बात हुई मुलाकात हुई, ये बात किसी से ना कहना!’’ हमने कहा, ‘‘मुलाकात शब्द को लेकर गाने मत सुनाइए। कहा गया है कि दुश्मनी जमकर करो लेकिन इतना ध्यान रहे कि आगे कभी मुलाकात हो तो शर्मिंदा न होना पड़े।
हाल ही में चर्चा तेज हो गई थी कि उद्धव ठाकरे भविष्य में महायुति में शामिल हो सकते हैं। इस पर फडणवीस ने दो टूक सुनाते हुए कहा कि राजनीति में एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई आपकी कितनी भी तारीफ करे, आपके पैर जमीन पर रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि महायुति में तीनों कुर्सियों की स्थिति मजबूत है। इसका मतलब यह है कि हमें चौथे साझेदार की जरूरत नहीं है।’’
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पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हम मानते हैं कि महायुति में 3 पार्टियों का आंकड़ा महत्व रखता है। ब्रम्हा, विष्णु, महेश त्रिदेव हैं। स्वर्ग, पृथ्वी और नर्क 3 लोक हैं। राजा दशरथ की 3 रानियां थीं। उन्होंने कैकेयी को 3 वचन दिए थे। खेल में 3 स्तर रहते हैं- क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल और फाइनल। त्रिकोण में 3 कोण होते हैं। शासन के 3 अंग होते हैं- कार्यपालिका, संसद और न्यायपालिका। इसके बावजूद चतुष्कोण, चौराहे और चौपाल का महत्व होता है। 4 के आंकड़े की वजह से लोगों का सरनेम चौबे या चौरसिया होता है। जब तक एकनाथ शिंदे मौजूद हैं, उद्धव को महायुति में प्रवेश नहीं मिल सकता।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा