मैगनस कार्लसन (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, शतरंज के महान खिलाड़ी मैगनस कार्लसन की सनक का नमूना यह है कि उन्होंने जीन्स पहनकर वर्ल्ड रैपिड चेस चैंपियनशिप में भाग लेना चाहा। जब उन्हें अन्य खिलाड़ियों के समान सूट पहनकर आने को कहा गया तो उन्होंने इस प्रतियोगिता से हट जाना बेहतर समझा। इसे कहते हैं जीन्स के प्रति प्रेम!’’
हमने कहा, ‘‘जहां औपचारिक या फॉर्मल ड्रेस पहनने का नियम और रिवाज है, वहां जीन्स जैसा बेफिक्री का परिधान कैसे चलेगा? वैसे भी काऊब्वाय जीन्स अमेरिका के चरवाहों की पुरानी पोशाक है जो घोड़े पर बैठकर मवेशियों के झुंड को चराते हैं। क्लिंट ईस्टवुड और मेल गिब्सन की एक्शन फिल्में आपने देखी होंगी जिनमें ये अभिनेता काऊब्वाय बनकर जबरदस्त निशाना लगाते हैं।’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यहां फिल्म नहीं शतरंज की बड़ी प्रतियोगिता और कार्लसन जैसे नामी खिलाड़ी की बात हो रही है। डेनिम जीन्स मोटे कपड़े की ऐसी पैन्ट है जिसमें मेटल के रिवेट लगे होते हैं। इसमें जगह-जगह छेद किए जाते हैं और कई जगह ब्लेड से खुरच दिया जाता है जिससे धागे नजर आते हैं। जीन्स ऐसी गंदी सी पोशाक है जिसे बहुत कम धोया जाता है। अमेरिका का राष्ट्रपति यदि कभी अपने फार्म या रैंच में जाता है तो जीन्स पहनता है अन्यथा उसे हमेशा सूट पहनना पड़ता है। किसी कारपोरेट आफिस या बड़े बैंक में कर्मचारी जीन्स पहनकर नहीं आ सकता। वहां सभ्य लोगों का ड्रेस कोड लागू होता है।’’
हमने कहा, ‘‘आपको याद होगा कि पहले क्रिकेट खिलाड़ी सिर्फ सफेद फ्लैनल की पैंट-शर्ट पहना करते थे जो टेस्ट क्रिकेट की पोशाक रही है। अब आईपीएल में रंगबिरंगी ड्रेस, पैड और शूज चल पड़े हैं। एक क्रिकेट मैच में जीतने के बाद सौरव गांगुली ने जोश में आकर अपनी टी शर्ट उतार कर लहराई थी और फुटबाल खिलाड़ियों जैसा जश्न मनाया था।”
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हमने कहा, ‘‘इस पर कड़ी आपत्ति की गई थी। स्थान, समय और अवसर के मुताबिक नियमानुसार तय की गई पोशाक पहननी पड़ती है। कोई भी व्यक्ति नाइट ड्रेस पहनकर आफिस नहीं जाता। फिडे शतरंज प्रतियोगिता के अपने नियम हैं और कोई खिलाड़ी कितना ही महान हो, नियम से ऊपर नहीं होता। इतना ही नहीं किसी कारपोरेट की बोर्ड मीटिंग में भी कोई सदस्य जीन्स पहनकर नहीं आ सकता। ऐसे माचो मैन सिर्फ एक्शन फिल्मों में ही ठीक लगते हैं।’’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा