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नवभारत डेस्क: पहले माना जाता था कि कश्मीर घाटी की तुलना में हिंदू बहुल जम्मू ज्यादा सुरक्षित है लेकिन यह धारणा इसलिए तार-तार हो गई क्योंकि जम्मू में आतंकी हमलों में लगातार तेजी आई है। इसी वर्ष होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर जनता में दहशत फैलाने के लिए आतंकी लगातार हमले कर रहे हैं। नौबत यहां तक आ गई कि आतंकी हमलों की बढ़ती वारदातों को देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से सभी आर्मी स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय को बंद करने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने यह कदम बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उठाया है।
जम्मू के रेआसी, कठुआ और डोडा जिलों में गत 9 जून से आतंकी हमले किए जा रहे हैं। गत 17 जुलाई को भी डोडा जिले के भट्टा देसा पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई थी। पहले जम्मू क्षेत्र आतंक से मुक्त था लेकिन हाल के महीनों में यहां आतंकी हमले तेज हुए हैं। आतंकी घटनाओं के लिए कश्मीर टाइगर्स ने जिम्मेदारी ली है। यह वास्तव में जैश का ही शैडो ग्रुप है। इसमें पाकिस्तान के घुसपैठिया ऑपरेट करते हैं।
सुरक्षाबलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि भारी मात्रा में हथियारों से लैस तीन या चार आतंकियों के छोटे-छोटे गुट समन्वित हमला करते हैं। वह कवच को भेदने वाली गोलियां और अमेरिकी एम4 कार्बाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन का कहना है कि एक भी आतंकी की उपस्थिति चिंता का विषय है क्योंकि उसमें अंधाधुंध हिंसा की क्षमता होती है और यह मालूम नहीं होता कि वह कब और कहां हमला बोल दे।
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आतंकी हत्या मशीन की तरह काम करते हैं। विनाश ही उनका एकमात्र उद्देश्य होता है। लगभग 2 दशक पहले सेना ने जम्मू क्षेत्र में आतंकियों के अड्डों का सफाया कर दिया था जिससे लंबे समय तक शांति हो गई थी लेकिन जब वैष्णोदेवी के तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया गया तबसे अनेक बार आतंकी हमले हो चुके हैं। मुठभेड में आतंकियों को ढेर किया जाता है लेकिन हमारे बहादुर जवान भी शहीद या घायल होते हैं। ऐसे तत्वों पर सुरक्षा बलों की निगाह है जो आतंकवादियों के मददगार हैं या उन्हें पनाह देते हैं। आतंकियों को नेस्तनाबूत कर जनता में विश्वास पैदा करने की जरूरत है। अपनी खोखली अर्थव्यवस्था के बावजूद आतंकियों का आका पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसे सख्त चेतावनी देने की आवश्यकता है। लेख चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा