Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

संपादकीय: विपक्ष बनाम सरकार, संसद में गतिरोध का आखिर हल क्या है?

Parliament Session: संसद में लगातार हंगामे और गतिरोध से बहस की परंपरा कमजोर हो रही है। सरकार-विपक्ष के टकराव के कारण बिना चर्चा बिल पास हो रहे हैं, जिससे संसदीय लोकतंत्र की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे।

  • By आकाश मसने
Updated On: Dec 06, 2025 | 01:23 PM

संसद भवन (डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

Indian Parliament Deadlock Issue: क्या हमारा संसदीय लोकतंत्र जीवंत है और सही पटरी पर है? संसद में व्याप्त गतिरोध को देखते हुए ऐसा नहीं लगता। सदन में हंगामा होना कोई नई बात नहीं है लेकिन मुद्दों पर बहस भी तो होनी चाहिए। ताली एक हाथ से नहीं बजती। जब यूपीए सरकार थी तब बीजेपी सांसद हंगामा करते थे। 15वीं लोकसभा का 65 प्रतिशत से अधिक समय व्यवधान की वजह से बरबाद हुआ।

अब विपक्ष में रहकर इंडिया गठबंधन भी वैसा ही रवैया अपना रहा है। जैसे को तैसा की मिसाल रची जा रही है। इसमें सरकार को सहूलियत यह होती है कि विपक्ष के शोरगुल या बहिर्गमन के दौरान वह बिना किसी बहस के तेजी से बिल पास कर लेती है जिसे बुलडोज करना कहते हैं। बहस नहीं होने से विपक्ष का भी नुकसान है। शून्य काल या नियम 377 के अंतर्गत तत्काल विचार के मुद्दे उठाए जा सकते हैं।

संसद ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा का मंच

संसद में प्रश्नकाल के जरिए मंत्रियों को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। चर्चा नहीं होने से यह हथियार विपक्ष के काम नहीं आते। संसद ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा का मंच है लेकिन इसके महत्व और उपयोगिता को नजरअंदाज किया जा रहा है। अपने किसी भी कदम पर सरकार झुकना नहीं चाहती। वह जो भी नीति तय करती है, उस पर शीघ्रता से कानून बनवा लेती है। विपक्ष को गतिरोध से आखिर क्या हासिल होता है? जनता अपने निर्वाचित सांसद से उम्मीद करती है कि वह सदन में क्षेत्र के मुद्दे उठाएगा। वह ऐसा नहीं कर पाता।

पूर्व अध्यक्ष चटर्जी और मीरा कुमार सांसदों को निकाला था बाहर

लोकसभा के पूर्व अध्यक्षों सोमनाथ चटर्जी और मीरा कुमार के समय भी बीजेपी सदस्यों का शोरगुल और व्यवधान होता रहा है। मीरा कुमार अपनी पतली आवाज में बार-बार विपक्ष से अपील करती थीं- बैठ जाइए- बैठ जाइए! इन दोनों अध्यक्षों ने एक ही नीति अपनाई थी। उन्होंने सर्वदलीय सहमति के बिना किसी सांसद को सदन से बाहर नहीं निकाला था। इस समय जैसी हालत है उसमें संसदीय परंपरा व प्रणाली का क्षरण होता नजर आता है। कौन कहेगा कि इसी संसद में कभी डॉ. राममनोहर लोहिया, फिरोज गांधी, भूपेश गुप्त, मीनू मसानी, आचार्य कृपलानी, चंद्रशेखर व मधु लिमये तर्कों व तथ्यों सहित लंबी बहस किया करते थे और सरकार में बैठे मंत्री उसे धैर्यपूर्वक सुनकर उसका जवाब दिया करते थे।

यह भी पढ़ें:- संपादकीय: हिंदू देवताओं पर रेवंत रेड्डी के बेतुके बोल

प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू नियमित रूप से संसद में आया करते थे। अब मोदी कभी-कभार ही संसद में उपस्थित होते हैं। उनकी बजाय अमित शाह मोर्चा संभालते हैं। जब एक बार यह मुद्दा मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाया तो शाह ने कहा- पहले मुझसे तो निपट लो! अवश्य ही संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलनी चाहिए लेकिन इसकी जिम्मेदारी सत्तापक्ष पर है। विपक्ष की उपेक्षा व संवादहीनता संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करेगी।

लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा

Indian parliament deadlock solution democracy crisis analysis

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Dec 06, 2025 | 01:22 PM

Topics:  

  • Central Government
  • Indian Politics
  • Winter Session Parliament

सम्बंधित ख़बरें

1

सरकारी IDBI बैंक का जल्द होगा निजीकरण, सरकार ने 64 हजार करोड़ कमाने की बनाई प्लानिंग

2

BJP अध्यक्ष के लिए वाइल्ड कार्ड एंट्री, रेस से बाहर हुए सारे नाम? मोदी की मीटिंग के बाद सियासी भूचाल

3

‘ये हिजाब पहनेंगी तो हम भगवा ओढ़ेंगे’, कर्नाटक के कॉलेजों में फिर छिड़ा धर्मिक पोशाक पर संग्राम

4

सुप्रिया सुले ने संसद में उठाया पुणे के नवले ब्रिज हादसे का मुद्दा, नितिन गडकरी ने दिया जवाब

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.