आज का निशानेबाज (सौ. डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से जब पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री मोदी की कोई ऐसी विशेषता या खासियत बताएं जो पुराने प्रधानमंत्रियों में नहीं देखी गई थी।इस पर शाह ने कहा कि शायद आपने भारत का कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा होगा जो किसी महत्वपूर्ण बैठक में स्टेज पर बैठ जाने के बाद फ्रेश होने के लिए कभी नहीं उठता.’
हमने कहा, ‘यदि 75 वर्ष की उम्र में भी कोई व्यक्ति शरीर की प्राकृतिक क्रियाओं को घंटों अपने नियंत्रण में रखता है तो आश्चर्य की बात है।शाह का आशय है कि मोदी शंकारहित हैं।वह टॉयलेट नहीं जाते।कोई हठयोगी ही ऐसा कर सकता है।वैसे आज किसी डॉक्टर से पूछें तो वह कहेगा कि प्राकृतिक वेग को हरगिज रोकना नहीं चाहिए।समय-समय पर टॉयलेट जाकर फ्रेश या तरोताजा हो जाना चाहिए।भारत में हम जिसे वाशरूम कहते हैं वह अमेरिका में रेस्टरूम कहलाता है।शरीर से त्याज्य पदार्थ निकल जाए तो तसल्ली मिलती है।अमित शाह कभी किसी पूर्व प्रधानमंत्री के साथ नहीं रहे, इसलिए उनके बारे में वह पक्की जानकारी नहीं दे सकते कि वह कितनी बार टॉयलेट जाते थे।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, टॉयलेट और इंसान के फ्रेश होने का महत्व मोदी से अधिक कोई नहीं जानता।उन्होंने स्वच्छता अभियान के तहत हर घर में टॉयलेट बनाने को प्रोत्साहन दिया।संभवत: उनकी प्रेरणा से अक्षयकुमार ने टॉयलेट नामक फिल्म में अभिनय किया।उस फिल्म में हीरो अपनी पत्नी को स्टेशन ले जाता है जहां ट्रेन के टॉयलेट में वह बेचारी फ्रेश हो सके।इसी तरह स्वच्छता का संदेश देने के लिए अक्षयकुमार ने फिल्म पैडमैन में अभिनय किया था.’
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हमने कहा, ‘अमित शाह चाहे तो कह सकते थे कि मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जो देश को सशक्त बनाने के लिए 365 दिनों में प्रतिदिन 24 घंटे काम करते हैं।वह यह भी बता सकते थे कि मोदी का अपना परिवार नहीं है।सारा भारत ही उनका परिवार है।उन्हें व्यर्थ के शौक नहीं है और वह अदाणी व अंबानी छोड़ कर दोस्तों की महफिल नहीं पालते।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा