(डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, आपने कहावत सुनी होगी राम राम जपना, पराया माल अपना! सत्ता की कुर्सी पर बैठे नेताओं की प्रवृत्ति ऐसी रहती है कि जो मेरा है वह तो मेरा है लेकिन जो तेरा है वो भी मेरा है। वे दूसरे के काम पर डल्ला मारकर अपना बताने से नहीं चूकते।”
हमने कहा, “आप कहां का जिक्र कर रहे हैं? यदि कोई जनकल्याण की बात है तो इसमें अपने-पराए का सवाल ही कहां उठता है ! नेता पक्ष के हों या विपक्ष के, अपने को जनता का सबसे बड़ा हमदर्द या शुभचिंतक बताते हैं।”
पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायबसिंह सैनी ने फतेहाबाद की रैली में अपनी पार्टी बीजेपी की उपलब्धि के नाम पर कांग्रेस सरकार में भूपेंद्रसिंह हुड्डा के सीएम रहते कराए गए 7 काम भी गिना दिए। रैली में जब सैनी बीजेपी सरकार के नाम पर अपने काम गिनवा रहे थे तो सामने बैठे लोग हंसने लगे। सभा के मंच पर बैठे पूर्व सांसद अशोक तंवर भी हैरान हो गए क्योंकि मुख्यमंत्री ने जो काम गिनवाए, वह खुद तंवर ने कांग्रेस की सरकार में रहते कराए थे।”
हमने कहा, “तब तो कांग्रेस नेता नाराज हो गए होंगे कि सैनी ने कांग्रेस सरकार के काम का श्रेय क्यों लिया। यह तो वैसी बात हो गई कि मेहनत करे मुर्गी, अंडे खाएं फकीर। पराए माल पर दीदे लाल जैसा मामला है।”
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पड़ोसी ने कहा, “मुख्यमंत्री को भाषण के बीच टोकना किसी ने मुनासिब नहीं समझा। जब भाषण समाप्त कर सीएम अपनी कुर्सी पर जाकर बैठे तो पास बैठे नेताओं ने उन्हें बताया कि भाषण आपके की क्रिरप्ट में कोई गड़बड़ है। जो CM काम आपने गिनवाए, वह तो कांग्रेस सरकार में हुए थे। थोड़ी ही देर में मुख्यमंत्री का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री सैनी ने मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए। मुख्य सचिव ने सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी को निलंबित कर 48 घंटे में जवाब मांगा।”
हमने कहा, “इससे यह बात उजागर हो गई कि अफसरशाही इधर-उधर से जोड़कर मंत्रियों का भाषण तैयार करती है और मंत्री किसी रट्ट तोते के समान बिना सोचे-समझे उसे पढ़ने का काम करते हैं।” लेख चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा