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दिल्ली: भारत सरकार (Indian Govt) स्मार्टफोन निर्माताओं पर नकेल कसने पर विचार कर रही है। सरकार (Govt) ने फोन में प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स (Pre Installed Apps) यानी पहले से इंस्टॉल ऐप्स को हटाने का ऑप्शन (Option) देने की योजना बनाई है। इसके अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट (OS Update)के लिए स्क्रीनिंग पर भी विचार किया जाता है। यह नए सुरक्षा नियमों के अनुसार किया जाएगा।
इससे दुनिया के नंबर 2 स्मार्टफोन बाजार (SmartPhone Market) में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है। वहीं, कई स्मार्टफोन कंपनियों के प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स का कारोबार प्रभावित होगा। भारत में Samsung, Xiaomi, Vivo और Apple जैसे ब्रैंड्स के स्मार्टफोन में कई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स मिलते हैं। स्मार्टफोन यूजर्स के डेटा की जासूसी और उसके गलत इस्तेमाल से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए आईटी मंत्रालय (IT ministry) नए नियम (New Law) लाने पर विचार कर रहा है। इससे पहले, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Android ऑपरेटिंग सिस्टम और Google Play-Store बिलिंग के संबंध में Google पर भारी जुर्माना लगाया है। स्मार्टफोन कंपनियां फोन में कुछ ऐप्स को प्री-इंस्टॉल करती हैं। इन्हें प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स कहा जाता है। फिलहाल यूजर्स इन ऐप्स को हटा नहीं सकते, क्योंकि फोन कंपनियां उन्हें ऐसा करने का ऑप्शन नहीं देती हैं। पहले से इंस्टॉल ऐप्स एक कमजोर कड़ी हो सकते हैं और सरकार चाहती है कि कोई भी देश चीन की तरह यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल न करे।
वर्तमान में, अधिकांश स्मार्टफोन पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स के साथ आते हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता। इनमें चीनी स्मार्टफोन निर्माता Xiaomi के ऐप स्टोर GetApps, सैमसंग के पेमेंट ऐप Samsung Pay Mini और iPhone निर्माता Apple के Safari ब्राउज़र जैसे पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप शामिल हैं। नए नियमों के मुताबिक, स्मार्टफोन कंपनियों को पहले से इंस्टॉल ऐप्स को हटाने के लिए अनइंस्टॉल का ऑप्शन देना होगा। इसके अलावा नए स्मार्टफोन मॉडल्स की टेस्टिंग ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एजेंसी द्वारा अधिकृत लैब से की जाएगी। सरकार प्रत्येक प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट को यूज़र्स के लिए जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग करने पर भी विचार कर रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मामला है, इसलिए सरकार इस योजना को लेकर काफी गंभीर है। स्मार्टफोन ऐप्स को लेकर सरकार ने 2020 में सबसे सख्त कदम उठाया। उस दौरान लगभग 300 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिनमें टिकटॉक जैसे लोकप्रिय ऐप भी शामिल थे। इसके बाद सरकार ने चीनी कंपनियों के इन्वेस्ट की जांच भी तेज कर दी।