आज का निशानेबाज (सौ. डिजाइन फोटो)
पड़ोसी ने हमसे कहा, “निशानेबाज, मंगलुरू से बेंगलुरू जा रही बस के स्लीपर कोच में खटमलों की फौज ने दीपिका पावूर नामक महिला को बुरी तरह काटा जिससे उसके हाथ-पैर, गर्दन पर बुरी तरह सूजन आ गई और तबीयत बिगड़ गई. वह महिला टीवी रियलिटी शो में भाग लेने जा रही थी लेकिन खटमल के प्रकोप की वजह से वह सुनहरा मौका चूक गई. इस मामले में उपभोक्ता आयोग ने निजी बस ऑपरेटर और बुकिंग एजेंट को आदेश दिया कि महिला को 1.29 लाख रुपए मुआवजा दें.
” हमने कहा, “जब बस की साफ सफाई नहीं की जाएगी तो वहां मच्छर, मक्खी, खटमल उनके घरों के डेरा जमा ही लेंगे. यह सेवा में कमी या सर्विस डेफिशियेंसी का मामला है.” पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, पहले खटमल लकड़ी की खटिया में छुपकर रहा करते थे. आपने गोविंदा का गाना सुना होगा सरकाय लेव खटिया जाड़ा लगे, जाड़े में बलमा प्यारा लगे ! एसटी बर्मन ने गाया था- धीरे से जाना बगियन में, ओ भैंरा धीरे से जाना बगियन में !
इस गीत की पैरोडी बनाकर किशोर कुमार ने गाया था- धीरे से जाना खटियन में, ओ खटमल धीरे से जाना खटियन में, होय लला झिंगलला!” हमने कहा, “जब जनता किसी नेता से तंग आ जाती है तो चुनाव में उसकी खटिया खड़ी, बिस्तर गोल कर देती है. आपको याद होगा कि मोदी की ‘चाय पे चर्चा’ के जवाब में कांग्रेस ने चुनाव के मौके पर राहुल गांधी की ‘खाट पे चर्चा’ आयोजित की थी. राहुल की आम सभाओं में श्रोताओं के लिए सैकड़ों खाट बिछाई जाती थीं। कमाल यह हुआ कि सभा खत्म होते ही लोग सारी खाट उठाकर अपने घर ले गए. इस तरह कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा.’
” पड़ोसी ने कहा, “निशानेबाज, खटमल को अंग्रेजी में बग कहते हैं. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने विरोधी नेताओं की बगिंग या जासूसी की थी। फूलदान, फोटो फ्रेम, परदे आदि के पीछे सूक्ष्म यंत्र लगाए गए थे जिससे सारी बातचीत रिकार्ड कर ली जाती थी. पत्रकार जैक एंडरसन ने इस बगिंग का भंड़ाफोड़ किया. इसके बाद निक्सन पर महाभियोग चलने की नौबत आई और उन्हें राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा.” हमने कहा, “हमारे देश में खटमल अपनी मर्यादा भूल गया. उसे ट्रैवलिंग का शौक चढ़ा और खाट छोड़कर बस में सवार हो गया. राजनीति में भी जनता का खून पीनेवाले खटमलों की कमी नहीं है।’