(डिजाइन फोटो)
क्या विपक्ष के नेता राहुल गांधी का यह दावा सही है कि ईडी उनके खिलाफ छापे की तैयारी कर रही है अथवा यह महज उनकी आशंका है? विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कोई नई बात नहीं है। आम आदमी पार्टी के नेता इसे भुगत रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में हैं। सांसद संजय सिंह को विलंब से जमानत मिली।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी ईडी का ग्रहण लगा था लेकिन अदालत ने उन्हें राहत दी और इसके बाद जेल से रिहा होने पर उन्होंने फिर सीएम पद की शपथ ली। जो विपक्षी नेता केंद्र सरकार के खिलाफ जाता है, उसके खिलाफ जांच एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं। महाराष्ट्र में अजीत पवार यदि शरद पवार से बगावत कर युति के साथ नहीं जाते तो ईडी उन्हें भी नहीं छोड़ती।
ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग केंद्र सरकार के अस्त्र बन गए हैं। यदि विपक्षी नेता झुक जाए, दब जाए तो वह निशाने पर नहीं आता लेकिन यदि उसने केंद्र सरकार पर प्रहार तेज किए तो उसके यहां छापा पड़ने या हिरासत में लिए जाने की आशंका बढ़ जाती है। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी राहुल गांधी पर कार्रवाई कर सकती है या फिर अन्य किसी आरोप में उन्हें घेर सकती है।
राहुल गांधी को अवश्य ही अपने सूत्रों से संकेत मिले होंगे कि ईडी उनके खिलाफ एक्शन लेनेवाली है। उन्होंने कहा कि संसद में उनका ‘चक्रव्यूह’ वाला भाषण ‘टू इन वन’ को पसंद नहीं आया। इसकी वजह से उनके खिलाफ ईडी की छापेमारी की तैयारी हो रही है। राहुल किसे टू इन वन कह रहे हैं यह समझने की बात है। राहुल पहले भी मोदी सरकार के निशाने पर रहे हैं।
यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, अब मान्य होगा कोटे के अंदर कोटा…!!
पिछली बार उन्हें संसद सदस्यता से बेदखल किया गया था लेकिन लोकसभा चुनाव में वे फिर चुनकर आ गए। विगत लोकसभा में राहुल की शिकायत थी कि उनका माइक बंद कर उन्हें बोलने नहीं दिया जाता। अब स्थिति अलग है क्योंकि अब कांग्रेस की 99 सीटों के साथ राहुल अधिकृत रूप से विपक्ष के नेता हैं जिनका दर्जा व सुविधाएं कैबिनेट मंत्री के बराबर हैं। ऐसी स्थिति में उनके खिलाफ एक्शन लेना राजनीतिक दृष्टि से भी केंद्र सरकार और बीजेपी के लिए अच्छा नहीं होगा और इसे बदले की कार्रवाई माना जाएगा।
विपक्षी पार्टियों का गठबंधन ‘इंडिया’ राहुल के साथ मजबूती से खड़ा है। सपा नेता अखिलेश यादव भी तमाम मुद्दों पर उनका साथ दे रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि अगर ईडी राहुल गांधी का दरवाजा खटखटाएगी तो विपक्षी गठबंधन के घटक दल पुरजोर तरीके से उसका विरोध करेंगे।
राहुल का आक्रामक रवैया और लोकसभा में तीखे व चुभनेवाले भाषण प्रधानमंत्री मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को असहज बना देते हैं। उन्हें मजबूरी में यह सब सुनना पड़ता है क्योंकि अब संसद में राहुल की जुबान बंद नहीं रखी जा सकती।
राहुल के इस बयान को लेकर कि ईडी उनके खिलाफ छापे की तैयारी कर रही है, बीजेपी बैकफुट पर आ गई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे संसद के अंदर झूठ बोलने के साथ बाहर भी दुष्प्रचार कर रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी एलओपी हैं। लेक चंद्रमोहन द्विवेदी द्वारा