अरविंद केजरीवाल (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘निशानेबाज, बीजेपी के बाद अब राहुल गांधी ने भी केजरीवाल को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि वह साफ राजनीति का दावा करते थे लेकिन सबसे बड़ा शराब घोटाला दिल्ली में हुआ है। केजरीवाल शीशमहल में रहते हैं।’
हमने कहा, ‘शीशमहल शब्द से याद आया फिल्म ‘वक्त’ का राजकुमार का डायलाग! अपने खास अंदाज में राजकुमार ने कहा था- ‘चिनाय सेठ, जिन लोगों के घर शीशे के होते हैं वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।’ इसी आधार पर यह भी कह सकते हैं कि जिन लोगों के घर शीशे के होते हैं वो बत्ती बुझाकर कपड़े बदलते हैं।’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, नोएडा में अधिकांश मकान कई करोड़ की लागत वाले हैं फिर केजरीवाल को ही क्यों बदनाम किया जा रहा है? परिवर्तन प्रकृति का नियम है। पहले केजरीवाल अपने मफलर, टोपी और बार-बार आनेवाली खांसी से पहचाने जाते थे लेकिन अब यह सारी चीजें गायब हो गईं। जब वह राजनीति में आए थे तो उनके पास छोटी गाड़ी वैगनआर थी जिसे वह किसी दोस्त की दी हुई बताया करते थे। अब 10 वर्ष बाद उनके पास शीशमहल है, शोहरत है, बड़ी गाड़ी है। इस तरक्की के जवाब में राहुल गांधी क्या कहेंगे?’ हमने कहा, ‘राहुल कह सकते हैं- मेरे पास मां है!’
पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, बहुत पहले सोहराब मोदी की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था शीशमहल। सोहराब मोदी की शराफत और दरियादिली से उन पर कर्ज का बोझ बढ़ जाता है। कर्जदार उनके शीशमहल को नीलाम करने पर उतर आते हैं। इस फिल्म का गीत काफी चला था जिसके बोल थे- आई दिवाली, आई दिवाली, दीपक संग नाचे पतंगा, मैं किसके संग नाचूं बता जा!’
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हमने कहा, ‘सोहराब मोदी के नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के शीशमहल के बारे में जानिए। वहां 36 लाख रुपए के सजावटी खंभे 10 से 12 लाख रुपए की टॉयलेट शीट, 64 लाख रुपए के 16 टीवी सेट हैं। इस सीएम निवास में 4 से 5 करोड़ रुपए के बॉडी सेंसर युक्त पर्दे लगे हुए हैं जिनके निकट जाने पर वह खुद ही एक तरफ हटकर आनेवाले को रास्ता देते हैं। शीशमहल की सजावट पर लगभग 60 करोड़ रुपए की फिजूलखर्ची की गई है।’ पड़ोसी ने कहा, ‘निशानेबाज, यह केजरीवाल की सौंदर्यदृष्टि है। इसकी प्रशंसा कीजिए।’
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा