जयपुर: भूत प्रेत के किस्से तो हम अक्सर बचपन से सुनते आये हैं, फिर भी उन पर आसानी से यकीन नहीं होता, लेकिन हर गांव और शहर में कुछ ऐसी जगहें होती है जिसके बारे में कहा जाता है कि वहां पर भूत है। वैसे कई लोग इसे मिथक मानते हैं तो कई ऐसे भी हैं जो इन बातों पर यकीन करते हैं। इस तरह के किस्से आज से नहीं बल्कि बाप-दादा के जमाने से प्रचलित हैं। क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसा किला है जिसमें भूतों का बसेरा है। यकीन नहीं होता है तो राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किले के बारे में जान लें। भानगढ़ का किला (Bhangarh Fort) किला अरावली की पहाड़ियों में बनाया गया था।
भारत के सबसे भूतिया स्थान में से एक है भानगढ़ किला
राजस्थान की राजधानी जयपुर से तकरीबन 80 किलोमीटर की दूरी पर है भानगढ़ का किला। पर्यटकों को यहां के किस्से अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। पहली नजर में अगर इस किले को ध्यान से देखो तो एक अजीब सा अहसास होता है। बिना छत के घर, मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति नहीं, अपने आप में एक डरावना एहसास कराती है। भानगढ़ किले को शापित किला माना जाता है और कहा जाता है कि एक ऋषि के श्राप के बाद से यहां पर वीराना पसर गया। इस किले में तब से भूत-प्रेत रहने लगे। खौफ का अंदाजा बस इसी बात से लगा सकते हैं कि पुरातत्व विभाग ने इस किले में शाम के बाद एंट्री पर बैन लगा रखा है।
क्या है भानगढ़ का इतिहास
खबरों के मुताबिक भानगढ़ किले का निर्माण आमेर के राजा भगवत दास करवाया था। उन्होंने साल 1573 में इस किले को अपने अपने छोटे बेटे माधो सिंह प्रथम के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि जब इस किले का निर्माण किया जा रहा था। उस वक्त एक तपस्वी यहां रहता था जिसने किले के निर्माण के दौरान कहा था कि किले की परछाई उसके घर पर न पड़े। लेकिन उसकी बातों की अनदेखी हुई परछाई पड़ने से तपस्वी ने श्राप दे दिया।
वहीं दूसरी प्रचलित कथा यह कि इस किले में रहने वाली राजकुमारी रत्नावती से एक साधू प्रेम करता था। राजकुमारी को पाने के लिए साधू साजिश रचने लगा और इस बात की खबर राजा को पता चली। फिर क्या सजा के तौर पर साधू की हत्या कर दी गई और उसी समय उसने भानगढ़ को खंडहर बनने का श्राप दिया था। जिसका परिणाम यह हुआ कि इस किले में वीराना पसर गया। कहा जाता है कि इस किले की दीवारों पर कान लगाकर सुनने पर आत्माओं की आवाज आती है।
शाम 6 बजे के बाद नो एंट्री
भानगढ़ किला आम लोगों के लिए सुबह 6 बजे खोल दिया जाता है और उसके बाद शाम को 6 बंद कर दिया जाता है। कहा जाता है कि शाम के वक्त इस किले से काफी डरावनी आवाजें आती हैं। रात के वक्त इसके अंदर जाना खतरनाक हो सकता है। भानगढ़ को पैरानॉर्मल एक्टिविटी का केंद्र माना जाता है। वैसे यहां आने वालों का अनुभव अलग-अलग होता है। कुछ लोग यहां घुमने आते हैं तो कुछ लोगों का भूतों का रहस्य खींच लाता है। सदियों बाद भी भानगढ़ अपने सीने में कई राज लिए बैठा है। कुछ इसे हकीकत मानते हैं तो कुछ फसाना।