पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेनेवाले राष्ट्राध्यक्षों को मिलेट से बने पकवान खिलाए गए जिसे उन्होंने खूब पसंद किया. मिलेट खाने से मेलजोल बढ़ा. शेफ कुणाल कपूर ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता को मशरूम और मिलेट की खिचड़ी खिलाई. मिलेट अर्थात मोटे अनाज की पैदावार करनेवाली महिला किसानों ने जी-20 नेताओं की पत्नियों को मिलेट की महिमा समझाई. इन महिला किसानों में 50 तरह के मिलेट की फसल उगानेवाली मध्यप्रदेश के डिंडोरी की महिला किसान लहरीबाई भी थीं जिन्हें ‘मिलेट क्वीन’ कहा गया.’’
हमने कहा, ‘‘भारत ने ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, कोदों, कुटकी जैसे मोटे अनाज को श्रीअन्न का सुंदर व प्रतिष्ठित नाम दिया है. आपको मालूम होना चाहिए कि ‘श्री’ शब्द लक्ष्मी के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो समृद्धि व संपन्नता की देवी हैं. भगवान के नाम के शुरू में श्री लगाया जाता है जैसे श्रीगणेश, श्रीराम, श्रीकृष्ण. लोगों को आदर देते हुए श्रीमान कहा जाता है. कश्मीर की राजधानी श्रीनगर है. राजस्थान के एक जिले का नाम श्रीगंगानगर है. हमारा दक्षिणी पड़ोसी देश श्रीलंका है. हमारे यहां जवागल श्रीनाथ और कृष्णमाचारी श्रीकांत नामक क्रिकेट खिलाड़ी हुए हैं. अध्यात्मिक गुरू रविशंकर के नाम के आगे डबल श्री लगा हुआ है. श्रीदेवी मशहूर फिल्मी हीरोइन रही हैं.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमारे देश की अधिकांश आबादी पहले ज्वार-बाजरा जैसा मोटा अनाज ही खाती थी क्योंकि तब यह गेहूं-चावल से सस्ता पड़ता था. जब शहरीकरण बढ़ा तो लोगों ने मोटा अनाज खाना छोड़ दिया था. इसलिए वह कम बोया जाने लगा. अब बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य अच्छा रखना है तो मोटा अनाज या श्रीअन्न खाओ. मोटे अनाज के दाम कम नहीं हैं. शरबती गेहूं यदि 40-45 रुपए किलो है तो ज्वार का आटा 60 रुपए किलो मिलता है. रागी का बिस्किट भी ज्यादा महंगा है.’’
हमने कहा, ‘‘दाम पर मत जाओ. अगर-मगर न करते हुए भगर जैसा मोटा अनाज खाओ. अपने हर यार से कहो कि वह ज्वार खाए. नौकरी-चाकरी कहीं भी करो लेकिन ज्वार की भाकरी खाओ. पंजाबियों की पसंद अपनाओ और मक्के की रोटी-सरसों का साग खाओ. राजगिरा खाओ और राज करने के सपने देखो. रूस-यूक्रेन बुलेट की बात करते हैं तो भारत मिलेट पर जोर दे रहा है. उसने इस साल को मिलेट वर्ष घोषित किया है.