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फिर एक दुष्कर्मी का एनकाउंटर, वही सवाल, वही साजिश की बू…!!

जैसे कि पहले भी इस तरह के कई मामलों में एनकाउंटर हो चुके हैं, बदलापुर दुष्कर्मी के मामले में भी यही कहानी दोहराई गई। 23 सितंबर की शाम जब मुंबई पुलिस आरोपी अक्षय शिंदे को एक अन्य मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से ठाणे पुलिस स्टेशन लेकर जा रही थी कि रास्ते में एनकाउंटर हो गया।

  • By मृणाल पाठक
Updated On: Sep 25, 2024 | 01:29 PM

अक्षय शिंदे (डिजाइन फोटो)

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पिछले महीने 12-13 अगस्त को मुंबई के पास स्थित बदलापुर की एक खबर ने पूरे देश को हिला दिया था। यहां स्थित आदर्श स्कूल के 23 वर्षीय स्वीपर अक्षय शिंदे पर स्कूल की 3 और 4 साल की दो बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद लाखों उत्तेजित लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हो गये और किसी भी सूरत पर अपराधी को उन्हें सौंपे जाने की मांग करने लगे।

इनका कहना था कि वे अपने हाथों सार्वजनिक रूप से इस दरिंदे को फांसी के फंदे पर लटकाना चाहते हैं। किसी तरह से उत्तेजित भीड़ को शांत किया गया, लेकिन इस मामले ने जिस तरह से तूल पकड़ा उससे न केवल महाराष्ट्र पुलिस बल्कि प्रदेश सरकार भी बैकफुट पर आ गई।

पुलिस और सरकार दोनों पर ही इस मामले में जल्द से जल्द इंसाफ दिलाने का दबाव बन गया था। जैसे कि पहले भी इस तरह के कई मामलों में एनकाउंटर हो चुके हैं, बदलापुर दुष्कर्मी के मामले में भी यही कहानी दोहराई गई। 23 सितंबर की शाम जब मुंबई पुलिस आरोपी अक्षय शिंदे को एक अन्य मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से ठाणे पुलिस स्टेशन लेकर जा रही थी कि रास्ते में एनकाउंटर हो गया।

विकास दुबे जैसा मामला

अक्षय शिंदे के एनकाउंटर की कहानी ठीक वैसी ही है जैसे 2 साल पहले कानपुर शहर के निकट बिकरू गांव के विकास दुबे की कहानी थी। उसने भी पुलिस वालों से रिवॉल्वर छीनकर उन पर हमला करने की कोशिश की थी। ठीक इसी तरह से 2019 में हैदराबाद में एक वेटरनरी डॉक्टर से गैंगरेप करके उसकी हत्या कर देने वाले चार बलात्कारियों ने भी दिसंबर 2019 में हैदराबाद पुलिस के साथ यही किया था।

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इन सब मामलों का नतीजा एक ही निकला था, आरोपियों की पलक झपकते ही मौत! अक्षय शिंदे के संबंध में पुलिस की कहानी कहती है कि अक्षय की पूर्व पत्नी द्वारा उसके विरुद्ध की गई सेक्सुअल असाल्ट की शिकायत की तफ्तीश के लिए पुलिस उसे तलोजा जेल से संबंधित थाने लेकर जा रही थी।

जब उनकी जीप मुंब्रा बाईपास के पास पहुंची कि आरोपी अक्षय शिंदे ने एकाएक एपीआई नीलेश मोरे की सर्विस रिवॉल्वर छीन ली और उसने नीलेश मोरे पर ताबड़तोड़ तीन गोलियां चला दी। लेकिन नीलेश मोरे बिल्कुल पास से मारी गई तीन गोलियों के बावजूद भी अभी तक सुरक्षित हैं। क्योंकि पुलिस के मुताबिक अक्षय का निशाना इतना गड़बड़ था कि दो गोलियां तो हवा में चली गईं और तीसरी गोली नीलेश के पैर को मामूली सी छूती हुई निकल गई।

जबकि आगे ड्राइवर के साथ बैठे संजय शिंदे ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से अक्षय शिंदे पर गोली चलाई और शिंदे की मौके पर ही मौत हो गई। सवाल है बलात्कारियों के मामले में पुलिस की मुठभेड़ आखिर एक ही किस्म की कहानियां क्यों रचती है? वे लोग जो चाहते थे कि अक्षय को खुलेआम सबके सामने फांसी पर लटकाया जाए, वे लोग भी इसे एक फर्जी एनकाउंटर मानते हैं। मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडनवीस भी पुलिस की कहानी दोहरा रहे हैं और लोगों को जांच का भी आश्वासन दे रहे हैं।

विश्वसनीय नहीं पुलिस की थ्योरी

मुंबई पुलिस की एनकाउंटर थ्योरी हास्यास्पद लगती है। महाराष्ट्र में विपक्ष भी इस घटना के बाद आग बबूला हो चुका है और सिविल सोसायटी के लोग भी बेहद उत्तेजित हैं। इन लोगों द्वारा वाजिब सवाल पूछे जा रहे हैं कि जब एक आरोपी पुलिस वालों से घिरा बैठा है तो फिर वह उन्हीं की रिवॉल्वर छीनकर उनकी हत्या का प्रयास कैसे कर सकता है? हां, पैदल चल रहे हों, जंगल हो या कोई और ऐसी परिस्थितियां हों तो बात अलग है।

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हालांकि जहां पर इस तरह की संदिग्ध स्थितियां हों कि आरोपी के हाथों में हथकड़ी पड़ी हों और पुलिस गाइडलाइन के मुताबिक पुलिस वालों के हथियार एक खास कोड के चलते लॉक रहते हैं, तो फिर आखिर अक्षय शिंदे नामक यह आरोपी कितना स्मार्ट और चपल है कि हथकड़ियां पहने होने और पुलिस के रिवॉल्वर पर सिक्योरिटी फीचर होने के बावजूद आखिर इतने साहस के साथ कैसे रिवॉल्वर छीन लिया और जब वह इतना स्मार्ट था तो फिर उसका हमला इस कदर चूका कैसे कि मारी गईं तीन गोलियों में दो गोलियां हवा में चली गईं और तीसरी गोली ने भी पैर की तरफ रुख किया, मानों पैर छू रही हो। इंसाफ का तकाजा यही होगा कि कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान ले और एक न्यायाधीश की देखरेख में अविलंब जांच कराई जाए कि आखिर इसके पीछे की सच्ची कहानी क्या है?

लेख- वीना गौतम द्वारा

Badlapur school case akshay shinde encounter maharashtra police

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Published On: Sep 25, 2024 | 01:29 PM

Topics:  

  • Badlapur School Case

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