Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • ICC Women’s Cricket World Cup |
  • Dussehra 2025 |
  • Shardiya Navratri |
  • Bihar Assembly Election 2025 |
  • Weather Update |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

नवभारत विशेष: इजराइल और ईरान के बीच जंग, युद्ध की आग में फंसे 1.65 लाख भारतीय

इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में तकरीबन 40 हजार भारतीय फंस गए हैं। पढ़ने-पढ़ाने के काम, व्यापार एवं दूसरे पेशेवर काम करने वाले तकरीबन 11 हजार भारतीय और इतने ही एनआरआई ईरान में रहते हैं।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Jun 18, 2025 | 12:55 PM

ईरान और इजराइल युद्ध (सौ. डिजाइन फोटो)

Follow Us
Close
Follow Us:

नवभारत डिजिटल डेस्क: इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में तकरीबन 40 हजार भारतीय फंस गए हैं। पढ़ने-पढ़ाने के काम, व्यापार एवं दूसरे पेशेवर काम करने वाले तकरीबन 11 हजार भारतीय और इतने ही एनआरआई ईरान में रहते हैं। उधर इजराइल में लगभग सवा लाख भारतीयों में से 85 हजार भारतीय मूल के और 35 हजार भारतीय प्रवासी रहते हैं। 12 हजार भारतीयों को अक्टूबर 2023 से मार्च 2025 के बीच काम करने का परमिट देकर अशांत इजराइल भेजा गया था। उनकी विपदा के किस्से पहले भी हम सुन चुके हैं। आज उन पर फिर गाज है। तबाही ईरान में ज्यादा है पर फंसने और वहां से निकालने की गुजारिश करने वाले भारतीय छात्र, मजदूर, पेशेवर इजराइल में अधिक हैं। भयभीत भारतीयों की गुहार है कि इराक और पाकिस्तान ने अपने लोगों को वापस बुला लिया, हमें भी सरकार बुला ले।

भारतीय दूतावास ने ईरान और इजराइल में रह रहे भारतीयों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, अनावश्यक आवाजाही से बचें और दूतावास के संपर्क में रहें। भारत ने एडवाइजरी जारी करके हेल्पलाइन भी स्थापित कर दी। इस कवायद के बावजूद स्थिति सामान्य नहीं है और आगे चलकर स्थितियां और विद्रूप हो सकती हैं। क्योंकि ईरान फिलहाल चुप नहीं बैठेगा। प्रवासियों या भारतीय मूल के लोगों के आए दिन किसी न किसी युद्ध अथवा गृहयुद्ध के बीच फंस जाने की स्थिति तेजी से बढ़ी है। कभी रूस, यूक्रेन में तो कभी ईरान और इजराइल में, इसी तरह कभी खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीय इसकी मार झेल रहे हैं। जिस तरह की एडवाइजरी इजराइल-ईरान के युद्ध को लेकर वहां के भारतीयों के लिए जारी हुई, वह आज विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों की सामान्य कवायद बन गई है।

अन्य देशों में भी वही हाल

ईरान-इजराइल में वैध भारतीयों के अलावा 12 लाख से ज्यादा भारतीय अवैध रूप से खाड़ी, पश्चिम एशियाई देशों, मलेशिया, इंडोनेशिया तथा कुछ अफ्रीकी देशों में रह रहे हैं। इन देशों में ये अशांति के शिकार बनते हैं। पश्चिम एशिया के 15 प्रमुख देशों में से कई विगत 25 वर्षों से या तो युद्धरत हैं अथवा गृहयुद्ध की हिंसा से अशांत बने हुए हैं। गाजा या फिलिस्तीन, लेबनान, यमन, सीरिया, तुर्किए की 75 फीसदी आबादी इसे बरसों से झेल रही है, तो इसके साथ इन संघर्षों से कोई मतलब न रखने वाले यहां के भारतीय भी। चीन से तनावपूर्ण संबंधों के चलते वहां रह रहे भारतीयों को तनाव में रहना होता है। रूस में भारतीयों को धोखे से भाड़े का सैनिक बनाकर भेजने के कितने ही मामले विगत में सामने आ चुके हैं।

सुरक्षित वापस ले आएं

आपदाकाल में मजदूरी या शिक्षा के लिए गए भारतीय जब किसी देश में राजनीतिक अस्थिरता या युद्ध छिड़ने पर फंस जाते हैं, तो सरकार ने उन्हें बचाने में कई बार सराहनीय तत्परता दिखाई है। 2015 में यमन संकट के समय भारत सरकार ने ऑपरेशन ‘राहत’ चलाया था और 5000 से अधिक भारतीयों को वहां से बाहर निकाला था। इराक और सीरिया में काम की तलाश में गए कई भारतीय युद्ध और आतंकवाद की चपेट में आए तो सहायता की। 2022 में यूक्रेन युद्ध के दौरान वहां लगभग 20,000 भारतीय, जिसमें ज्यादातर छात्र थे, बाहर निकाला तो 2023 के सूडान संकट में भी फंसे भारतीयों को लाया गया।

युद्धग्रस्त और अशांत क्षेत्रों में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनता जा रहा है। भारतीय प्रवासी देश की ‘सॉफ्ट पावर’ और विदेशी मुद्रा कमाई के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। इस कमाई के लिए वे इतना जोखिम उठाते हैं, तो उनकी सुरक्षा भारत सरकार की नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी बन जाती है। आवश्यक है कि सरकार प्रवासी भारतीयों की समस्याओं को मानवीय दृष्टिकोण से समझते हुए कुछ और ठोस दीर्घकालिक समाधानों की ओर कदम बढ़ाए।

लेख- संजय श्रीवास्तव के द्वारा

165 lakh indians trapped in the fire of war between israel and iran

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jun 18, 2025 | 12:55 PM

Topics:  

  • Indian Community
  • Israel Iran Tension

सम्बंधित ख़बरें

1

नेतन्याहू के UN भाषण पर ईरान ने लिए मजे, खाली कुर्सी और गाजा में लाउडस्पीकर बताया दोहरी बेइज्जती

2

ईरानी सुप्रीम लीडर खामेनेई का छलका दर्द, एक्स पर पोस्ट कर कहा- इजराइल ने जानबूझकर…

3

सामने आई ईरान की हार की वजह, देश में मौजूद 21 हजार इजराइली जासूसों ने की थी मदद, खुलासे से हड़कंप

4

ईरान ने गद्दारी वाले परमाणु वैज्ञानिक को फांसी पर लटकाया, इजराइली जासूस होने का था आरोप

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.