मां शैलपुत्री (सौ.सोशल मीडिया)
Chaitra Navratri 2025: आज 30 मार्च से ‘चैत्र’ महीने की नवरात्रि यानी ‘चैत्र नवरात्रि’ आरंभ हो गया है। नवरात्रि के पावन 9 दिनों में आदि शक्ति मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां के हर रूप का अपना अलग ही महत्व है। माता रानी की असीम कृपा पाने के लिए श्रद्धालु गण 9 दिन तक व्रत-उपवास करते हैं। ‘नवरात्रि’ का यह पावन पर्व देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीको से मनाया जाता है। खासतौर से, गुजरात और बंगाल में ‘नवरात्रि’ की अलग ही रौनक देखने को मिलती है।
‘नवरात्रि’ के पहले दिन घट-स्थापना के बाद मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘शैलपुत्री’ की पूजा-अर्चना की जाती है। ये अपने दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल धारण करती हैं। ये पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। पर्वत को ‘शैल’ भी कहा जाता है, इसलिए ये ‘शैलपुत्री’ कहलाती हैं। यही भगवान शिव की अर्धांगिनी माता पार्वती हैं। आइए जानते है मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप ‘शैलपुत्री’ की पूजा का शुभ-मुहर्त,पूजा-विधि और इसकी महिमा।
घटस्थापना या कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना की शुभ अवधि 4 घंटे 08 मिनट की है। घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना की कुल अवधि 50 मिनट है।
प्रतिपदा तिथि कब से कब तक
ज्योतिष के अनुसार, प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरु होगा और 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी।
मां शैलपुत्री पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के पूजन के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद एक चौकी लें और उसे गंगाजल से छिड़ककर शुद्ध कर लें। मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें। अब मां दुर्गा के समक्ष धूप, दीप व शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं। मां शैलपुत्री को भोग लगाएं व आरती उतारें। दुर्गा चलीसा व सप्तशती पाठ करें।
मां शैलपुत्री को भोग में क्या अर्पित करें
धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता शैलपुत्री की सवारी गाय है। मान्यता है कि मां को गाय के दूध से बनी चीजों को भोग प्रिय है। आप मां शैलपुत्री को खीर या दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगा सकते हैं।
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मां शैलपुत्री मंत्र
– ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नमः
– या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः
नवरात्रि के पहले दिन किस रंग के वस्त्र पहनें
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग नारंगी है। इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र पहना शुभ होता है।