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भारत में क्यों की जाती है शस्त्र पूजा, जानिए भारतीय सेना के लिए क्यों है इसका बड़ा महत्व

हिन्दू धर्म में शस्त्र पूजा का बड़ा महत्व है। आपको बता दें, शस्त्र पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आत्मबल, मनोबल और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: May 10, 2025 | 08:49 PM

शस्त्र पूजा की परंपरा(सौ.सोशल मीडिया)

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Shastra Puja Significance : सनातन धर्म में अस्त्र-शस्त्र की पूजा का विशेष महत्व है। अस्त्र-शस्त्र की पूजा रामायण और महाभारत काल से चल रही है। आपको बता दें, शस्त्र पूजा भारतीय संस्कृति और सैन्य परंपरा का एक अभिन्न अंग है।

यह हमें याद दिलाता है कि शक्ति का उपयोग हमेशा न्याय और धर्म की रक्षा के लिए होना चाहिए। भारतीय सेना द्वारा इस परंपरा का निर्वाह करना न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखता है, बल्कि यह हमारे सैनिकों के मनोबल को भी बढ़ाता है। ऐसे में आइए जानते है आखिर हमारे सेना युद्ध में जाने से पहले शस्त्र पूजा क्यों करते है?

प्राचीनकाल से चली आ रही है शस्त्र पूजा की परंपरा

आपको बता दें, दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है। प्राचीन समय में राजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा किया करते थे।

साथ ही अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे। 9 दिन तक देवी की शक्तियों की उपासना करने के बाद दसवें दिन जीवन के हर क्षेत्र में विजय की कामना करते हैं माता चंद्रिका का स्मरण करते हुए शस्त्र पूजन करना चाहिए। विजयादशमी पर मां भवानी और माता काली की पूजा करने के साथ साथ शस्त्र पूजन करने की पंरपरा है।

क्यों करती है भारतीय सेना भी शस्त्र पूजा

भारतीय सेना भी हर साल दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करती है। इस पूजा में सबसे पहले मां दुर्गा की दोनो योगनियां जया और विजया की पूजा होती है फिर अस्त्र-शस्त्रों को पूजा जाता है। इस पूजा का उद्देश्य सीमा की सुरक्षा में देवी का आशीर्वाद प्राप्त करना है। मान्यताओं के अनुसार रामायण काल से ही शस्त्र पूजा की परंपरा चली आ रही है। भगवान राम ने भी रावण से युद्ध करने से पहले शस्त्र पूजा की थी।

क्या होती है शस्त्र पूजा

शस्त्र पूजा का अर्थ है अपने हथियारों और औजारों की पूजा करना है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जहां योद्धा और सैनिक अपने अस्त्र-शस्त्रों की कुशलता और सफलता के लिए प्रार्थना करते है। यह केवल भौतिक हथियारों की पूजा नहीं है, बल्कि उन मूल्यों और शक्तियों का सम्मान करना भी है जो इन हथियारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसे शक्ति, साहस और कर्तव्य ।

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शस्त्र पूजा का महत्व

हिन्दू धर्म में शस्त्र पूजा का बड़ा महत्व है। आपको बता दें, शस्त्र पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आत्मबल, मनोबल और राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। यह परंपरा हमें सिखाती है कि शक्ति का प्रयोग धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने के लिए किया जाना चाहिए।

भारतीय सेना द्वारा हर साल इस परंपरा का पालन करना न केवल सैन्य अनुशासन का प्रतीक है, बल्कि यह देशवासियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है, जो हमें अपने कर्तव्यों के प्रति सजग और समर्पित रहने की सीख देता है।

 

Why is weapon worship done in india

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Published On: May 10, 2025 | 08:49 PM

Topics:  

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