चार धाम यात्रा (सौ.सोशल मीडिया)
Char Dham Yatra: हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत अधिक महत्व है। इस बार यह महायात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल 2025, अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होने जा रही है। हिंदू श्रद्धालुओं के लिए यह तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती हैं।
ज्योतिषयों के अनुसार, देवभूमि उत्तराखंड की चार धाम यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। हिन्दू धर्म ग्रथों में, चार धाम यात्रा को कलयुग के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। चार धाम यात्रा को लेकर ऐसी मान्यता है कि हर सनातनी को जीवन में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करनी चाहिए। इसके चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते हैं, तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
कब से शुरू हो रही है चार धाम यात्रा जानिए
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इस साल चार धाम यात्रा 30 अप्रैल, बुधवार से शुरू हो रही है, जिसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलेंगे। केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे, तो वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे।
आखिर हिन्दू धर्म में क्यों जरूरी मानी गई है चार धाम यात्रा
हिन्दू धर्म में चार धाम यात्रा को कलयुग के मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना गया हैं। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक चार धाम की यात्रा जरूर करनी चाहिए, क्योंकि यह जीवन भर के पापों को धोकर मोक्ष के द्वार खोलती है। इसके साथ ही व्यक्ति पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है।
क्या है चार धाम यात्रा का महत्व जानिए
धार्मिक मान्यता है कि, चार धाम यात्रा को करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं और उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह यात्रा भक्तों को सांसारिक बंधनों से मुक्त होने और आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करती है।
मोक्ष की प्राप्ति
ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष यानी जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
पाप-विनाश
चार अलग-अलग देवताओं को समर्पित यह यात्रा सभी पापों को धोकर व्यक्ति को पवित्र करती है।
आत्म-साक्षात्कार
चार धाम यात्रा भक्तों को अपने अंदर की सच्चाई और आत्म-ज्ञान का अनुभव कराने में मदद करती है।
आध्यात्मिक अनुभव
यह यात्रा भक्तों को अलौकिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है, जिससे उन्हें शांति-संतुष्टि मिलती है।
ज्योतिष धर्म गुरु के अनुसार, कोई व्यक्ति अगर अपने जीवनकाल में चार धाम की यात्रा कर ले, तो वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के बाद जो भक्त जल ग्रहण करता है, वो पुनर्जन्म के चक्र से मुक्त हो जाता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में जीते जी चार धाम यात्रा जरूर कर लेनी चाहिए।
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सबसे पहले इन धाम के दर्शन करें
बद्रीनाथ – यह भगवान विष्णु को समर्पित है।
द्वारका – यह भगवान कृष्ण को समर्पित है।
रामेश्वरम – यह भगवान शिव को समर्पित है।
जगन्नाथ पुरी – यह भी भगवान विष्णु को समर्पित है।