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गणपति का प्रतीक माना जाता है स्वास्तिक चिन्ह, शुभ कार्य से पहले क्यों बनाते है जानिए वजह

कहते हैं किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश का पूजन करने का महत्व होता है। इस खास मौके पर स्वास्तिक बनाने की भी परंपरा होती है जिसे किसी पूजा या फिर नए काम से पहले आटे या सफेद रंगोली से पूजा वाले स्थान पर बनाया जाता है।

  • By दीपिका पाल
Updated On: Nov 24, 2024 | 09:16 AM

स्वास्तिक महत्व (सौ.सोशल मीडिया)

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Swastik Importance: हिंदू धर्म में कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित होती है इसके बारे में ग्रंथों में उल्लेख मिलता है।  कहते हैं किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश का पूजन करने का महत्व होता है। इस खास मौके पर स्वास्तिक बनाने की भी परंपरा होती है जिसे किसी पूजा या फिर नए काम से पहले आटे या सफेद रंगोली से पूजा वाले स्थान पर बनाया जाता है।

स्वास्तिक चिन्ह को लेकर कई धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व मौजूद है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

सूर्य का प्रतीक होता है ये चिन्ह

यहां पर वेदों में से एक ऋग्वेद में स्वास्तिक चिन्ह के बारे में बताया है कि, यह भगवान सूर्य का प्रतीक होता है तो वहीं पर इसे मंगल का प्रतीक भी बताया गया है। शुभ कार्यों ते शुरु करने से पहले घर के दरवाजे और अंदर पूजा वाले स्थान पर स्वास्तिक चिन्ह को बनाते है। ऐसा माना जाता है चिन्ह बनाने से व्यक्ति के जीवन में शुभता आती है सौभाग्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है। कहते हैं जब घर में स्वास्तिक चिन्ह मनाया जाता है तो नकारात्मक ऊर्जा दूर भागती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। कहते हैं शुभ कार्य से पहले स्वास्तिक चिन्ह बनाते हैं तो कार्य व वस्तु लंबे समय तक चलती रहती है।

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हिंदू ही नहीं इस धर्म के लिए महत्व

आपको बताते चलें कि,हिंदू धर्म ही नहीं जैन और बौद्ध धर्म में भी स्वास्तिक चिन्ह का विशेष महत्व होता है। यहां पर मंगल कामना करने के लिए इस चिन्ह को पूजा वाली जगह पर बनाते है। यहां आध्यात्मिक महत्व की बात करें तो, स्वास्तिक की चार रेखाएं, चारों दिशाओं के लिए होती है। इसे बनाने से चहुंओर से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। कुछ विद्वान स्वास्तिक की चार रेखाओं को हिंदू धर्म से जुड़े सबसे प्राचीन माने जाने वाले धार्मिक ग्रंथ वेदों से जोड़कर देखते हैं। इस ब्रम्हाजी की पूजा के लिए जाना जाता है।

कैसे बनाएं स्वास्तिक चिन्ह

यहां पर किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले आप अपने घर के उत्तर दिशा में हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बना दें और प्रतिदिन वहां पर धूप-दीप दिखाते रहें. आपको बिजनेस में तरक्की करनी है तो आप उत्तर-पूर्व दिशा में लगातार सात गुरुवार तक सूखी हल्दी से निशान बनाएं। यहां पर हिंदू धर्म में कई प्रतीक चिन्हों के बारे में बताया गया है इसमें ॐ, स्वस्तिक, बरगद का पेड़, शिवलिंग, मंगल कलश, शंख, रंगोली, दीपक, हाथी, मंगल सूत्र आदि।

Why do we make the swastik symbol before any auspicious work

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Published On: Nov 24, 2024 | 09:16 AM

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  • Lord Ganesha

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