तिरुपति बालाजी में क्यों करते हैं बालों का दान (सौ.सोशल मीडिया)
Tirupati Balaji Temple 2025: भारत में कई चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर हैं। इनके रहस्यों का अभी तक कोई भी नहीं पता लगा पाए हैं। इन रहस्यमयी मंदिरों में भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर से लाखों लोगों का गहरी आस्था जुड़ी है। आपको बता दें, भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है।
आज भगवान तिरुपति बालाजी का यह चमत्कारिक और रहस्यमयी मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भगवान विष्णु को समर्पित यह खूबसूरत मंदिर भारतीय वास्तु कला और शिल्प कला के लिए भी जाना जाता है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है।
भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने की परम्परा भी सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि इस मंदिर में बाल का दान करना महादान माना जाता है। आज हम आपको अपनी इस खबर में बताएंगे कि आखिर यहां पर बाल क्यों दान किया जाता है? इसके साथ ही मंदिर में बादल दान करने की पीछे की क्या कहानी है।
भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि इस मंदिर में बाल का दान करना महादान माना जाता है।
मान्यता है कि तिरुपति बाला जी मंदिर में व्यक्ति अपने जितने बालों को दान करता है, भगवान उन्हें 10 गुना धन लौटाते हैं। इसके साथ ही बालों को दान करने पर मां लक्ष्मी की भी कृपा रहती है। यहां पर हर साल देश-विदेश से लाखों भक्त भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर का दर्शन करने आते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, तिरुपति बालाजी मंदिर में सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि बच्चे और महिलाएं भी अपने बाल कटवाती हैं। धन प्राप्ति के लिए महिलाएं मन्नतें मांगती हैं और पूरी होने पर वह अपने लंबे बालों को दान करती हैं।
कहा तो ये भी जाता है कि जो व्यक्ति अपने बाल यहां पर दान करता है, वो अपने बाले के रूप में पापों और बुराइयों को भी इसी स्थान पर छोड़ जाता है। इससे भगवान की भक्तों पर कृपा बनी रहती है। यहां पर बाल काटने के लिए सैकड़ों नाई बैठ रहते हैं, जो फ्री में लोगों के बाल काटते हैं।
मान्यता तो ये भी है कि, इस मंदिर में बाल दान करने वालों पर मां लक्ष्मी की कृपा और इच्छा पूरी करने के पीछे एक पौराणिक वजह भी है।
पौराणिक कथा के मुताबिक, प्राचीन काल में भगवान बालाजी की मूर्ति पर ढेरों चीटियों का एक पहाड़ बन गया था, जिस पर हर दिन एक गाय आकर दूध देकर चली जाती थी। जब गाय के मालिक को यह पता चला तो, वो नाराज हो गया और कुल्हाड़ी से गाय का वध कर दिया। इससे बालाजी के सिर चोट लग गई और उनके सिर के बाल गिर गए।
इसके बाद भगवान तिरुपति बालाजी की मां नीला देवी ने अपने बाल काट दिए और बालाजी के सिर पर रख दिए। ऐसे भगवान के सिर का जख्म बिल्कुल ठीक हो गया। इससे भगवान ने प्रसन्न होकर कहा कि बाल शरीर की सुंदरता को बढ़ाते हैं, लेकिन आपने मेरे लिए बालों का त्याग कर दिया।
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आज से जो भी मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उनकी हर इच्छा पूरी होगी। तब से भक्त अपने बालों को तिरुपति बालाजी मंदिर में अपने बालों का दान कर रहे हैं। इस मंदिर के पास नीलादरी हिल्स है, जहां पर नीला देवी का भी मंदिर है।