Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

रोग-दोष से मुक्ति चाहते हैं, तो ‘इस’ दिशा में मुख करके विधिवत करें ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ

Hanuman Chalisa Health Benefits: कहा जाता है कि,जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उन्हें हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है साथ ही रोग-दोष से भी मुक्ति मिलती है।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Nov 27, 2025 | 05:04 PM

हनुमान चालीसा पाठ नियम (सौ.सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Hanuman Chalisa Chaupai: सनातन धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि उन्हें संकटमोचन और कलियुग के प्रत्यक्ष देवता माना गया है। उनकी भक्ति से जीवन के दुख और संकट दूर होते हैं, और यह पूजा शक्ति, सकारात्मकता, और आत्मविश्वास प्रदान करती है।

अगर शास्त्रों की मानें तो, हनुमान जी अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं। उन्हें प्रभु श्री राम से अमरत्व का वरदान प्राप्त हुआ था। साथ ही धार्मिक मान्यता ये भी है कि कलयुग में हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से साधक को रोग-दोष और विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

कहा जाता है कि,जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उन्हें हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है। ऐसे में आइए जानते है रोग-दोष से मुक्ति के लिए किस विधि से करें हनुमान चालीसा का पाठ।

हनुमान चालीसा पाठ करते समय रखें इन बातों का विशेष ध्यान:

मुख पूर्व या दक्षिण दिशा

धर्म शास्त्रों के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करते समय साधक का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए। हो सके तो चालीसा पाठ करते समय लाल वस्त्र धारण करें।

शुद्धता यानी साफ़-सफाई

कहा जाता है कि, हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान शुद्धता यानी साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें और शुद्ध घी का तेल या तिल के तेल का दिया जलाकर चालीसा का पाठ करें। साथ ही बजरंगबली को लड्डू का भोग लगाएं।

न करें मांस-मदिरा का सेवन

शास्त्रों के अनुसार, जो लोग नितदिन यानी रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, उन्हें मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही हो सके तो कम से कम 03 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।

नकारात्मक भाव न रखें

शास्त्रों में बताया जाता है कि, हनुमान चालीसा का पाठ करते समय साधक किसी के प्रति नकारात्मक भाव न रखें। मन ही मन हनुमान जी का स्मरण परते हुए और पूर्ण श्रद्धाभाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही मन में किसी भी प्रकार का नकारात्मक भाव न आने दें।

ये है हनुमान चालीसा पाठ

 

।। दोहा।।

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।

बरनउं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ।।

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार ।

बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ।।

।। चौपाई ।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुं लोक उजागर ।।

राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ।।

कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुण्डल कुंचित केसा ।।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । कांधे मूंज जनेउ साजै ।।

शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन । तेज प्रताप महा जगवंदन ।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ।।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया । राम लखन सीता मन बसिया ।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । बिकट रूप धरि लंक जरावा ।।

भीम रूप धरि असुर संहारे । रामचन्द्र के काज संवारे ।।

लाय सजीवन लखन जियाए । श्री रघुबीर हरषि उर लाये ।।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं । अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ।।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा । नारद सारद सहित अहीसा ।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते । कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना । राम मिलाय राज पद दीह्ना ।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना । लंकेश्वर भए सब जग जाना ।।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु । लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं । जलधि लांघि गये अचरज नाहीं ।।

दुर्गम काज जगत के जेते । सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ।।

राम दुआरे तुम रखवारे । होत न आज्ञा बिनु पैसारे ।।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना । तुम रक्षक काहू को डरना ।।

आपन तेज सम्हारो आपै । तीनों लोक हांक तै कांपै ।।

भूत पिशाच निकट नहिं आवै । महावीर जब नाम सुनावै ।।

नासै रोग हरै सब पीरा । जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

संकट तै हनुमान छुडावै । मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ।।

सब पर राम तपस्वी राजा । तिनके काज सकल तुम साजा ।।

और मनोरथ जो कोई लावै । सोई अमित जीवन फल पावै ।।

चारों जुग परताप तुम्हारा । है परसिद्ध जगत उजियारा ।।

साधु सन्त के तुम रखवारे । असुर निकंदन राम दुलारे ।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता । अस बर दीन जानकी माता ।।

राम रसायन तुम्हरे पासा । सदा रहो रघुपति के दासा ।।

तुम्हरे भजन राम को पावै । जनम जनम के दुख बिसरावै ।।

अंतकाल रघुवरपुर जाई । जहां जन्म हरिभक्त कहाई ।।

और देवता चित्त ना धरई । हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ।।

संकट कटै मिटै सब पीरा । जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ।।

जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ।।

जो सत बार पाठ कर कोई । छूटहि बंदि महा सुख होई ।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । होय सिद्धि साखी गौरीसा ।।

तुलसीदास सदा हरि चेरा । कीजै नाथ हृदय मह डेरा ।।

।। दोहा ।।

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।

।।सियावर रामचंद्र की जय।।

यह भी पढ़ें-अगहन माह के प्रदोष की आ गई सबसे सटीक तिथि, यह होगा ‘भौम प्रदोष’, जानिए भगवान शिव की पूजा का प्रताप

While reciting hanuman chalisa keep these things in mind

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 27, 2025 | 05:04 PM

Topics:  

  • Hanuman Chalisa
  • Lord Hanuman
  • Religion

सम्बंधित ख़बरें

1

अगहन माह के प्रदोष की आ गई सबसे सटीक तिथि, यह होगा ‘भौम प्रदोष’, जानिए भगवान शिव की पूजा का प्रताप

2

शुक्रवार को है ‘अगहन दुर्गाष्टमी’, इस विशेष मुहूर्त में करें पूजा, माता आदिशक्ति कर देंगी बेड़ा पार

3

आज है मार्गशीर्ष माह की देवी महालक्ष्मी व्रत, इस मुहूर्त में करें पूजा, धन-धान्य से भरा रहेगा भंडार

4

भारत के ये दो अनोखे मंदिर, यहां पर देवी मां को भोग में चढ़ते है पिज्जा और सैंडविच, भक्तों की आस्था

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.