किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत (सौ.सोशल मीडिया)
Karwa Chauth Ka Vrat Kise Nahi Rakhna Chahiye: करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद को देखकर अपना व्रत पूरा करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से देवी करवा की कृपा प्राप्त होती है। हालांकि ज्योतिष और स्वास्थ्य दोनों दृष्टियों से कुछ महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं वे कौन-सी महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए।
ज्योतिष और स्वास्थ्य दोनों दृष्टियों से गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान शरीर को नियमित पोषण और जल की आवश्यकता होती है ताकि भ्रूण का सही विकास हो सके।
कहा जाता है कि, लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहने से बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेकर ही हल्का फलाहार या केवल जल ग्रहण करने वाला व्रत रखना चाहिए।
कहा तो ये भी जाता है कि, करवा चौथ का व्रत गर्भवती महिलाओं के अलावा जो महिलाएं किसी गंभीर शारीरिक क्या मानसिक बीमारी से परेशान हैं, उन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए। निर्जला उपवास शरीर पर दबाव डाल सकता है और स्वास्थ्य की स्थिति को बिगाड़ सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
नवजात शिशु को दूध पिलाने वाली माताओं को भी यह व्रत नहीं रखना चाहिए। स्तनपान के दौरान शरीर को पर्याप्त ऊर्जा और तरल पदार्थ की जरूरत होती है। निर्जला उपवास से दूध की मात्रा में कमी आ सकती है, जिससे बच्चे को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। इसलिए ऐसी महिलाओं को अपनी और शिशु की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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हिंदू परंपरा के अनुसार, पीरियड्स के समय पूजा-पाठ से दूरी रखी जाती है। इस दौरान शरीर स्वाभाविक रूप से कमजोर होता है। उपवास करने से थकावट, सिरदर्द या चक्कर आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए मासिक धर्म के दौरान करवा चौथ का व्रत रखना उचित नहीं है, हालांकि मन से प्रार्थना कर सकते हैं।