
इस दिन साल की आखिरी पूर्णिमा (सौ.सोशल मीडिया)
Margashirsha Purnima Muhurat : साल की आखिरी पूर्णिमा जल्द आने वाली है। साल में आने वाली 12 पूर्णिमासी में से मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस बार यह पूर्णिमा 4 दिसंबर को मनाया जा रहा हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि, इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की असीम कृपा प्राप्त होती है। इतना ही नहीं इस दिन किए गए दान का पुण्य अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहते हैं।
इस शुभ अवसर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। इस पूर्णिमा को “मोक्षदायिनी पूर्णिमा” भी कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान करने और भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। चलिए आपको बताते हैं इस साल ये पूर्णिमा कब है।
आपको बता दें, पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 04 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 05 दिसंबर को 04 बजकर 43 मिनट पर होगा। ऐसे में 04 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में इस दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व बताया गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के शुभ दिन पर हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का महत्व है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं।
इस दिन दान देने का खासा महत्व है। किसी जरूरतमंद को वस्त्र, भोजन आदि का यथाशक्ति दान करें। इस दिन किए जाने वाले दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
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पौराणिक मान्याताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग काल आरंभ हुआ था। इस दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है। इस भगवान सत्यनारायण की पूजा करना और कथा सुनने का महत्व है। यह परम फलदायी बताई गई है।






