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इस दिन से शुरू हो रहा है पितृपक्ष, नोट कर लें श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां, जानिए सनातन धर्म में पितृपक्ष का महत्व

हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या के दिन होती है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 को होगा।

  • By सीमा कुमारी
Updated On: Jun 04, 2025 | 12:35 PM

कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष (सौ.सोशल मीडिया)

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सनातन धर्म में पितृपक्ष यानी श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय मुख्य रूप से पितरों के पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध के लिए समर्पित होता है जोकि 15 दिनों तक चलता है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

आपको जानकारी के लिए बता दें, हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और इसका समापन आश्विन मास की अमावस्या के दिन होती है। इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और इसका समापन 21 सितंबर 2025 को होगा।

पितरों को समर्पित 15 दिनों की यह अवधि हिन्दू धर्म में बहुत शुभ मानी जाती है, इन दिनों पितरों के नाम का तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है।

इसके अलावा, पितरों के प्रसन्न होने से जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती। साथ ही इस बार पितृ पक्ष से एक दिन पहले साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में पितृपक्ष कब से शुरू हो रहे हैं और श्राद्ध की प्रमुख तिथियों के बारे में जानिए।

कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष

आपको बता दें, पंचांग के अनुसार भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक की अवधि को ‘पितृ पक्ष’ कहा जाता है। पितृ पक्ष के अंतिम दिन यानी सर्व पितृ अमावस्या पर ही महालया की शुरुआत भी होती है।

बता दें, इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होगा और 21 सितंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। पितृ पक्ष के इन 15 दिनों की अवधि में पितरों के निमित कर्मकांड किए जाएंगे, जिन्हें तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान कहा जाता है।

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पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का यह सर्वोत्तम माध्यम माना जाता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और संपन्नता बनी रहती है।

पितृपक्ष में श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां

1.रविवार, 7 सितंबर 2025 पूर्णिमा श्राद्ध
2 सोमवार, 8 सितंबर 2025 प्रतिपदा श्राद्ध
3 मंगलवार, 9 सितंबर 2025 द्वितीया श्राद्ध
4 बुधवार, 10 सितंबर 2025 तृतीया श्राद्ध, चतुर्थी श्राद्ध
5 गुरुवार, 11 सितंबर 2025 पंचमी श्राद्ध, महा भरणी श्राद्ध
6 शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 षष्ठी श्राद्ध
7 शनिवार, 13 सितंबर 2025 सप्तमी श्राद्ध
8 रविवार, 14 सितंबर 2025 अष्टमी श्राद्ध
9 सोमवार, 15 सितंबर 2025 नवमी श्राद्ध
10 मंगलवार, 16 सितंबर 2025 दशमी श्राद्ध
11 बुधवार, 17 सितंबर 2025 एकादशी श्राद्ध
12 गुरुवार, 18 सितंबर 2025 द्वादशी श्राद्ध
13 शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 त्रयोदशी श्राद्ध
14 शनिवार, 20 सितंबर 2025 चतुर्दशी श्राद्ध
15 रविवार, 21 सितंबर 2025 सर्व पितृ अमावस्या

क्या है पितृपक्ष का महत्व

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बड़ा महत्व है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूर्वजों के नाम का श्राद्ध करें और गरीब व जरूरतमंद लोगों को पितरों के नाम का दान भी अवश्य कराएं। ये दिन पितरों के प्रति कृतज्ञता को प्रकट करने और उनको शांति पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों के नाम का तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध करने से पितर काफी प्रसन्न होते हैं और कुंडली में मौजूद पितृ दोष भी दूर होता है।

कहा जाता है कि इन दिनों पितर पृथ्वी लोक पर आकर अपने परिजनों से मिलती है। पितर जब प्रसन्न होते हैं तब वे आशीर्वाद देते हैं, जिससे परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और वंश वृद्धि भी बनी रहती है।

When pitru paksha starting in the year 2025

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Published On: Jun 04, 2025 | 12:35 PM

Topics:  

  • Lifestyle News
  • Pitru Paksha
  • Religion

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