रंगपंचमी (सौ.सोशल मीडिया)
Rang Panchami 2025 : आज 19 मार्च को ‘रंग पंचमी’ का त्योहार पूरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व विशेष रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक रंगोत्सव की समाप्ति होती है।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार होली महापर्व के पांच दिन बाद देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। रंग पंचमी को ‘कृष्ण पंचमी’ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, रंग पंचमी को श्रीपंचमी या देव पंचमी भी कहा जाता है।
इस दिन का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन की शुरुआत द्वापर युग में हुई थी और तब से हर साल इसे चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की रंग पंचमी तिथि को मनाया जाता है। रंग पंचमी के दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर होली खेलने आते हैं और इस दिन देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें गुलाल भी लगाया जाता है।
ऐसे में आइए जानते हैं साल 2025 में रंग पंचमी कब है और इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।
कब मनाई जाएगी रंगपंचमी
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च की रात्रि में 10 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी वहीं पंचमी तिथि की समाप्ति 20 मार्च की सुबह 12 बजकर 40 मिनट (19 मार्च की रात्रि) पर होगी। इसलिए उदयातिथि की मान्यता के अनुसार रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च को ही मनाया जाएगा।
रंग पंचमी का शुभ मुहूर्त
रंग पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में आप देवी-देवताओं की पूजा करके शुभ फल पा सकते हैं। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह लगभग 4 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर के समय 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 54 मिनट तक विजय मुहूर्त होगा। शाम के समय 6 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 55 मिनट तक पूजा आराधना के लिए शुभ समय रहेगा।
जानिए क्या है रंग पंचमी का महत्व
रंग पंचमी का बड़ा महत्व है। इस त्यौहार की धूम मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में खूब देखी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार प्रेम-सौहार्द और स्नेह को बढ़ाता है।
इस दिन राधा-कृष्ण के साथ ही देवी-देवताओं की पूजा करके जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अगर आप प्रेम या वैवाहिक जीवन में प्रेम चाहते हैं तो इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा से आपको लाभ होता है।
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इस दिन रंग गुलाल को आसमान में फेंकने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इस दिन रंग गुलाल उड़ाने से वातावरण में भी शुद्धता आती है। इस दिन अपने इष्ट देव और देवी देवताओं को रंग गुलाल लगाने से आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है।