वर्ष 2025 में इस दिन फुलेरा दूज का पर्व,( सौ.सोशल मीडिया)
Phulera Dooj 2025: फुलेरा दूज का पर्व हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण के श्रद्धालुओं के लिए ‘फुलेरा दूज’ का पावन त्यौहार एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। वर्ष 2025 में फुलेरा दूज का पर्व 01 मार्च को मनाई जाएगी। आपको बता दें, यह त्यौहार होली के आने के संकेत के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन को फाल्गुन मास में सबसे शुभ व उत्तम माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ‘फूलेरा दूज’ को ‘अबूझ मुहूर्त’ होता है। इस दिन आप कोई भी मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखे कर सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कब है फूलेरा दूज का पर्व और क्या है इसका महत्व।
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कब है फुलेरा दूज 2025 तिथि और समय
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 01 मार्च को रात्रि 03 बजकर 16 मिनट से हो रही है। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 02 मार्च को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए फुलेरा दूज 01 मार्च को मनाई जाएगी।
फुलेरा दूज 2025 का शुभ मुहूर्त
अमृत काल – सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 07 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 16 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 18 मिनट से 06 बजकर 43 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
व्रत रखने से होती है शुभ फलों की प्राप्ति
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, ऐसा करने से साधक को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन मथुरा में फूलों की होली का आयोजन किया जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, फुलेरा दूज के दिन कुछ कार्यों को करने से परहेज करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन वर्जित कार्यों को करने से इंसान को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
फुलेरा दूज का धार्मिक महत्व
हिनू धर्म में फुलेरा दूज का बड़ा महत्व है। वैवाहिक रिश्तों को मधुर और गहरा बनाने के लिए भी यह त्योाहार मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्री कृष्ण प्रेम के प्रतीक के रूप में लोगों में लोकप्रिय हुए थे। यह त्योहार होली की शुरुआत का प्रतीक होता है। फुलेरा दूज शीतकालीन शादियों के लिए आखिरी शुभ दिन या शुभ मुहूर्त भी होता है। इस दिन भक्त सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आशीर्वाद पाने के लिए भगवान कृष्ण का व्रत और पूजा करते हैं।
फुलेरा दूज न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता है, बल्कि ज्योतिष-शास्त्र की दृष्टि से भी इस दिन का विशेष महत्व है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, फुलेरा दूज का दिन समस्त प्रकार के दोषों से मुक्त होता है, यही कारण है कि इस दिन को सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों के लिए विशेषकर विवाह आदि के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए इसे अभुज मुहूर्त भी कहा जाता है। इस अवसर पर कृष्ण मन्दिरों में विशेष झांकी अथवा दर्शन आयोजित किए जाते हैं, और भक्तों उनके दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।