कब है गीता जयंती 2025 (सौ.सोशल मीडिया)
Gita Jayanti 2025 Date:गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती हैं। इस वर्ष 1 दिसंबर 2025 को भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए गीता उपदेश की 5162वीं जयंती मनाई जाएगी। इस दिन को मोक्षदा एकादशी के रूप में भी माना जाता है और इसे भक्ति, ज्ञान और आत्मशुद्धि का विशेष दिन कहा गया है।
धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि, इस शुभ अवसर पर लक्ष्मी नारायण जी की भक्ति भाव से पूजा की जाती हैं। कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति विशेष को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए, गीता जयंती की सही तिथि शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-
धार्मिक पंचांगों और मान्यताओं के अनुसार, कोई भी व्रत या त्योहार उदया तिथि के आधार पर ही मनाया जाता है। चूंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 1 दिसंबर को होगा, इसलिए इसी दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का व्रत मनाया जाएगा।
एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर 2025, रात 09 बजकर 29 मिनट पर
एकादशी तिथि का समापन 01 दिसंबर 2025, शाम 07 बजकर 01 मिनट पर
उदया तिथि मान्य होने के कारण, सोमवार, 01 दिसंबर 2025 को गीता जयंती का पावन पर्व मनाया जाएगा।
सनातन धर्म में गीता जयंती का बड़ा धार्मिक महत्व है। हिन्दू मान्यता के अनुसार, हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक श्रीमद्भगवद् गीता के जन्म के उत्सव ‘गीता जयंती’ का पावन पर्व हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कुरुक्षेत्र के युद्ध मैदान में अर्जुन को दिए गए अमर ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि, गीता जयंती दिन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि ज्ञान और धर्म की विजय का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश देकर उन्हें कर्म, धर्म और जीवन की वास्तविकता से अवगत कराया था।
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गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। कहा जाता है कि, इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु के साथ श्रीमद्भगवद् गीता की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान कृष्ण, महर्षि वेद व्यास और गीता की पूजा की जाती है। जगह-जगह गीता पाठ और प्रवचन का आयोजन होता है, जिसमें इसके उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाया जाता है।